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अहमदाबाद: कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की मंगलवार को बैठक हुई जिसमें लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति पर चर्चा के साथ ही यह संकल्प लिया गया कि भाजपा एवं आरएसएस की 'फासीवाद और घृणा की विचारधारा को पराजित किया जाएगा।' लोकसभा चुनावों से पहले चुनाव की रणनीति पर विचार-विमर्श करने और राष्ट्रीय सुरक्षा एवं गठबंधन जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य में सीडब्ल्यूसी की यह महत्वपूर्ण बैठक हुई।

सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक में हुई इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अहम चुनावी मुद्दों पर चर्चा की। बैठक के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'गांधी जी के ऐतिहासिक दांडी मार्च की वर्षगांठ के मौके पर कांग्रेस कार्य समिति ने आरएसएस/भाजपा की फासीवाद, घृणा, आक्रोश और विभाजन की विचारधारा को पराजित करने का संकल्प लिया। इस प्रयास में हर बलिदान छोटा है। इस लड़ाई को जीता जाएगा।'

सीडब्ल्यूसी की बैठक की शुरुआत में पुलवामा आतंकी हमले के शहीदों की याद में कुछ पल मौन रखा गया।

इससे पहले पार्टी ने यहां साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। महात्मा गांधी ने 1930 में आज ही के दिन साबरमती आश्रम से ऐतिहासिक दांडी यात्रा शुरू की थी। दांडी यात्रा की वर्षगांठ के अलावा यह प्रियंका गांधी वाड्रा की पहली आधिकारिक बैठक भी है जिन्हें हाल ही में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कांग्रेस महासचिव का प्रभार सौंपा गया।

कांग्रेस कार्य समिति की पूरे दिन चलने वाली यह बैठक इस लिहाज से भी अहम है कि यह चुनावी कार्यक्रम की घोषणा के महज दो दिन के बाद हुई है। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी, सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता की मौजूदगी वाली इस बैठक में सुशासन, कृषि एवं आर्थिक संकट, बेरोजगारी एवं रोजगार सृजन का अभाव, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं महिला सुरक्षा के मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी एवं उनकी सरकार को घेरने के तरीकों पर चर्चा की गई।

पार्टी का मानना कि आम चुनावों के लिए राष्ट्रीय विमर्श को वर्तमान शासन के 'प्रचार' हथकंडों की बजाए वास्तविक मुद्दों एवं लोगों के सामने आ रही समस्याओं की तरफ मोड़ना होगा। कांग्रेस नेताओं का यह भी मानना है कि पार्टी को प्रधानमंत्री से पांच साल पहले किए गए वादों पर और उनके शासन के ट्रैक रिकॉर्ड पर जवाब मांगने की जरूरत है।

गौतरतलब है कि गुजरात में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक करीब 58 वर्षो के बाद हुई है। इससे पहले 1961 में गुजरात में सीडब्ल्यूसी की बैठक हुई थी।

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