अहमदाबाद: गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने शनिवार को अपने मंत्रिमंडल विस्तार में तीन विधायकों को शामिल किया है। इसमें दो विधायक कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं और तीसरे भाजपा के नेता हैं। भाजपा के मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर को जगह नहीं मिली है। इससे पहले यह खबरें थी कि अल्पेश भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले विधायक जवाहर चावड़ा और परसोत्तम साबरिया को 24 घंटे में गुजरात सरकार में जगह मिल गई। तीन बार से जूनागढ़ जिले के माणावदर सीट के विधायक रहे अहिर समुदाय के दिग्गज नेता जवाहर चावड़ा और सुरेन्द्रनगर जिले के ध्रांगध्रा सीट के विधायक कोली समुदाय के परसोत्तम साबरिया भाजपा में शामिल हुए है।
भाजपा सरकार में मंत्री बनना चाहता था पर अब नहीं छोडूंगा कांग्रेस
उधर, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और गुजरात के विधायक अल्पेश ठाकोर ने स्वीकार किया कि वह राज्य की भाजपा सरकार में मंत्री बनने के इच्छुक थे पर अब उन्होंने इरादा बदल दिया है और वह अपनी पार्टी में रह कर ही लोगों के लिए संघर्ष करते रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते क्योंकि उनकी रूचि गुजरात की ही राजनीति में हैं। उनकी पत्नी के भी लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकले पूरी तरह गलत हैं क्योंकि वह कभी भी राजनीति में पदार्पण नहीं करेंगी।
ठाकोर ने कहा कि उनकी राष्ट्रीय राजनीति की बजाय गुजरात की राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने आलाकमान से उन्हें राष्ट्रीय सचिव पद की जिम्मेदारी से मुक्त करने का भी आग्रह किया है। लंबे समय से उनके पाला बदलने की अटकलों के बीच कल दिल्ली में पार्टी के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मिल कर लौटने के बाद दिल्ली में सम्मेलन में कहा यह बात सच है कि वह कांग्रेस पार्टी तथा इसके नेतृत्व से नाराज थे और यह नाराजगी उन्हें तथा उनके समर्थकों को उचित सम्मान नहीं मिलने के कारण था पर अब यह मामला हल हो गया है। आलाकमान ने ऐसा सुनिश्चित करने तथा हमारा सम्मान नहीं करने वालों के प्रति कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि वह मंत्री बनना चाहते थे और स्वयं इस बारे में (भाजपा से) इच्छा जतायी थी और बात भी की थी। मंत्री पद और सत्ता सबको अच्छी लगती है। वह अपने लोगों के लिए कुछ और अधिक करने के लिए ऐसा करना चाहते थे। पर उनके समर्थकों ने कहा कि वह उनके लिए ऐसे ही संघर्ष करते रहें। वह अगर चाहते तो छह माह पहले ही मंत्री बन गये होते। अब मैने कांग्रेस में ही रह कर संर्घष करते रहने का फैसला किया है। अगर मेरे समर्थक चाहेंगे तो मै केवल अपने संगठन ठाकोर सेना के लिए ही काम करते रहूंगा।