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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 22 साल पुराने एक मामले में गिरफ्तार पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी पत्नी की याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। भट्ट पर एक वकील को गिरफ्तार करने के लिए साजिशन मादक पदार्थ रखने के आरोप हैं। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के.एम. जोसेफ की बैंच ने कहा कि याचिका गुजरात हाईकोर्ट को भेजी जा सकती है।

याचिका में आरोप लगाया गया था कि भट्ट को हिरासत में रहते हुए सुप्रीम कोर्ट से संपर्क करने के लिए जरूरी किसी भी कागज पर हस्ताक्षर नहीं करने दिए जा रहे हैं। बनासकांठा पुलिस से संबद्ध कुछ पूर्व पुलिसकर्मियों सहित भट्ट और सात अन्य को शुरू में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। भट्ट 1996 में बनासकांठा जिला के पुलिस अधीक्षक थे। वकील को झूठे केस में फंसाने का है आरोप पुलिस के अनुसार, भट्ट के अंतर्गत बनासकांठा पुलिस ने 1996 में पेशे से वकील सुमेर सिंह राजपुरोहित को करीब एक किलोग्राम मादक पदार्थ रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था। बनासकांठा पुलिस ने उस वक्त दावा किया था कि जिले के पालनपुर शहर के जिस होटल में राजपुरोहित ठहरे थे उसके कमरे से मादक पदार्थ बरामद किया गया।

हालांकि, राजस्थान पुलिस की जांच में यह पता चला कि बनासकांठा पुलिस ने राजस्थान के पाली स्थित एक विवादित संपत्ति के हस्तांतरण को लेकर राजपुरोहित पर दबाव बनाने के इरादे से उन्हें मामले में कथित तौर पर गलत तरीके से फंसाया है। इसमें यह भी दावा किया गया कि बनासकांठा पुलिस ने राजपुरोहित का पाली स्थित उनके घर से अपहरण कर लिया था।

राजस्थान पुलिस की जांच के बाद बनासकांठा के पूर्व पुलिस इंस्पेक्टर आई.बी. व्यास ने मामले में विस्तृत जांच का अनुरोध करते हुए 1999 में गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसी साल जून में हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंप दिया और उसे तीन महीने में अपनी जांच पूरी करने का आदेश दिया। भट्ट गुजरात काडर के अधिकारी थे। उन्हें बगैर अनुमति ड्यूटी से गैरहाजिर रहने और आधिकारिक वाहनों के गलत इस्तेमाल के आरोपों पर 2011 में निलंबित कर दिया गया था।

बाद में 2015 में उन्हें सेवा से हटा दिया गया। भट्ट की पत्नी श्वेता ने 2012 में कांग्रेस पार्टी की टिकट पर अहमदाबाद में मणिनगर विधानसभा क्षेत्र से तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, जिसमें वह हार गई थीं।

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