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अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में दिल्ली के बुराड़ी कांड जैसा सनसनीखेज मामला सामने आया है। काली ताकतों (काला जादू) के चक्कर में एक ही परिवार के तीन लोगों ने आत्महत्या कर ली। पुलिस को कुणाल का लिखा एक तीन पेज का सुसाइड नोट मिला है जिसमें उसने आत्महत्या की वजह काली ताकतों को बताया है।

बता दें कि बुराड़ी में तंत्र-मंत्र के चक्कर में एक ही परिवार के 11 लोगों ने 1 जुलाई को सामूहिक आत्महत्या की थी। अहमदाबाद के नरोदा इलाके में रहने वाले व्यापारी कुणाल त्रिवेदी (50) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली जबकि उसकी पत्नी कविता (45) और बेटी शिरीन (16) ने जहरीला पदार्थ पीकर जान दे दी।

वहीं, कुणाल की मां जयश्री बेन (75) बेहोशी हालत में मिलीं उन्होंने भी जहरीला पदार्थ पीया था। उनकी हालत नाजुक है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच व्यापारी द्वारा पत्नी और बेटी की हत्या कर आत्महत्या करने के एंगल से भी की जा रही है।

 

रिश्तेदार पुलिस लेकर पहुंचे तो हुआ खुलासा

पुलिस अधिकारी ने बताया कि 24 घंटे से उनका घर बंद था। उनके रिश्तेदार उन्हें फोन कर रहे थे लेकिन कोई फोन पर जवाब नहीं दे रहा था। इसलिए उनके रिश्तेदार और अन्य परिवार वाले पुलिस को लेकर वहां पहुंचे। कमरे में अंदर दाखिल होते ही सबके होश उड़ गए। अंदर कुणाल फांसी से लटका था। जबकि उसकी पत्नी फर्श पर और बेटी बिस्तर पर मृत पड़ी थी। उसकी मां दूसरे कमरे में बेहोश मिली।

शराब का आदी था कुणाल

सुसाइड नोट में कुणाल ने लिखा, मैं कभी अपनी मर्जी से शराब नहीं पीता। काली ताकतें मुझे ऐसा करने पर मजबूर करती हैं। मैंने अपने देवता के पास भी शरण मांगी, लेकिन उन्होंने भी मदद नहीं की।

मैं कर्जदार नहीं हूं

कुणाल ने नोट में लिखा है, मां मैंने तुमसे कई बार कहा कि कोई काली ताकत है, जिससे मैं परेशान हूं। तुम मेरी बात पहले मान लेतीं, तो आज यह हालत न होती। मेरी डिक्शनरी में आत्महत्या शब्द है ही नहीं। मैंने कभी शौक से शराब नहीं पी। मेरी कमजोरी का काली शक्तियों ने भरपूर उपयोग किया। मैंने धंधे में एमपी वाले को 14 लाख 55 हजार रुपये दिए हैं। मैं कर्जदार नहीं हूं। मैंने धंधे में माल के लिए 6 लाख रुपये दिए हैं। कोई भी तुम लोगों से हजार रुपये नहीं मांग सकता। मैं कई बार गिरा और खड़ा हुआ, पर कभी हारा नहीं। अब परेशानियां दिनों-दिन बढ़ती जा रही हैं।

काली शक्ति आसानी से पीछा नहीं छोड़ती

आखिर में कुणाल ने लिखा- जिज्ञेश भाई, अब यह आपकी जवाबदारी है, शेर अलविदा कह रहा है। जिज्ञेश कुमार, तुषार भाई आप सबने कुणाल की यह स्थिति देखी है। परंतु कोई कुछ नहीं कर पाया। मां की तरह पत्नी कविता जितना कर सकती थी, उतना किया भी, उसे विश्वास था कि कुलदेवी आकर उसे बचा लेगी, पर काली शक्ति इतनी आसानी से पीछा नहीं छोड़ती।

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