सूरत: गुजरात के सूरत में बिटक्वाइन आधारित पोंजी स्कीम से जुड़े एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। जिसमें निवेशकों के करीब 3 अरब डॉलर डूब गए। इसे बैंकिंग जगत का सबसे बड़ा घोटाला कहा जा रहा है। इसमें सूरत से लेकर टेक्सास (अमेरिका) तक लोगों ने निवेश किए थे। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह स्कैम पीएनबी के महाघोटाले से कहीं बड़ा घोटाला है। इसमें प्रॉपर्टी डीलर, हीरा व्यवसायी और गुजरात के कुछ बड़े नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, जिन्होंने नोटबंदी के दौरान इस पोंजी स्कीम में करोड़ों रुपए का काला धन लगाया था।
सूरत देश के हीरा उद्योग का सबसे बड़ा केंद्र है और इस घोटाले का भी रहा, जहां से पोंजी स्कीम शुरू हुई। घोटाले की जांच एक प्रॉपर्टी डीलर शैलेश भट्ट की शिकायत पर हुई। उसने दावा किया था कि उसे कुछ पुलिसवालों ने किडनैप किया था और 200 बिटक्वॉइन की फिरौती मांगी, जिसकी कीमत 18 लाख डॉलर के आसपास थी। सीआईडी ने मामले की जांच शुरू की और 8 पुलिसवालों की मिलीभगत का खुलासा हुआ। यह भी पता चला कि भट्ट को अगवा करने की साजिश उसके सहयोगी किरिट पलाडिया ने रची थी।
इस वारदात का सूत्रधार पलाडिया का चाचा नलिन कोटाडिया था। कोटाडिया बीजेपी का पूर्व विधायक रहा है।