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अहमदाबाद: गुजरात के बोटाद जिले के एक गांव की कुछ दलित महिलाओं ने आरोप लगाया है कि ग्रामीणों ने उन्हें भगवान शिव के एक मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया। स्थानीय पुलिस ने बताया कि हालांकि जिले में आमतौर पर इस नवनिर्मित मंदिर में महिलाओं को जाने की अनुमति नहीं है। मंदिर अहमदाबाद से करीब 160 किलोमीटर दूर है। अधिकारी ने बताया कि घटना शनिवार को उस वक्त की है जब कुछ दलित महिलाएं श्रावण माह के अवसर पर मंदिर में पूजा करने के लिये गयी थीं।

भगवान शिव के भक्त श्रावण माह को बहुत शुभ मानते हैं। ये महिलाएं श्रद्धालुओं के एक समूह का हिस्सा थीं। उन्होंने कहा कि हमें मंदिर में इसलिए जाने से रोका गया क्योंकि हमलोग दलित हैं। हालांकि रानपुर पुलिस के सब इंस्पेक्टर एस एन रमानी ने कहा कि ग्रामीणों ने महिलाओं की जाति पर ध्यान दिये बगैर उन्हें मंदिर के अंदर प्रवेश करने से रोका था। उन्होंने कहा कि महिलाएं केवल बाहर से ही पूजा कर सकती हैं, वे मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं कर सकतीं।

उन्होंने कहा कि मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक बोर्ड लगा है जिस पर महिलाओं का प्रवेश वर्जित लिखा गया है। हालांकि दलित महिलाओं ने आरोप लगाया कि ग्रामीणों ने उनकी जाति के कारण उन्हें मंदिर से जाने का संकेत किया। रमानी ने बताया कि दलित महिलाएं जब मंदिर में पूजा करने गयीं तो ग्रामीणों ने उन्हें वहां पूजा करने से रोका क्योंकि किसी भी समुदाय की महिला को मंदिर में प्रवेश वर्जित है।

उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों की एक टीम ने गावं के बुजुर्गों से इस मुद्दे पर चर्चा की। रमानी ने कहा कि पुलिस के दखल देने के बाद ग्रामीणों ने हमें आश्वस्त किया है कि वे महिलाओं को मंदिर के अंदर प्रवेश की अनुमति देंगे। बटोद के पुलिस अधीक्षक साजनसिंह परमार ने बताया कि मामला सुलझाने के लिये पुलिस की एक टीम घटनास्थल पर भेजी गयी है।

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