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गांधीनगर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में छठी बार बनी भाजपा की सरकार में विजय रूपाणी ने आज गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद यह उनका लगातार दूसरा कार्यकाल होगा। गांधीनगर में एक भव्य समारोह में राज्यपाल ओपी कोहली ने 61 वर्षीय रूपाणी और नितिन पटेल को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलवाई।

इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और भाजपा शासित विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्री शामिल हुए। रूपाणी के साथ नितिन पटेल समेत कुल 20 लोगों ने मंत्री पद की शपथ ली है इनमें एक महिला विभावरी दवे को शामिल किया गया है। रूपाणी समेत जिन 19 की मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है उनमें से छह पाटीदार समुदाय से हैं, पांच ओबीसी, तीन अनुसूचित जनजाति, तीन क्षत्रिय, एक अनुसूचित जाति और एक ब्रह्मण समुदाय से है।

संविधान के मुताबिक, 182 सदस्य विधानसभा में 27 से ज्यादा मंत्री नहीं बनाए जा सकते हैं। शपथ ग्रहण से पहले रूपाणी और पटेल ने समारोह में शरीक होने आए भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का अभिवादन किया।

इस मौके पर रूपाणी ने नारंगी रंग की जैकेट पहन रखी थी। शपथ ग्रहण से पहले रूपाणी और उनकी पत्नी ने पंचदेव महादेव मंदिर में पूजा अर्चना की। रूपाणी और पटेल को 22 दिसंबर को हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में क्रमश: नेता और उप नेता चुना गया था।

रूपाणी कैबनेट में शामिल किये गए नेताओं का क्या है बैकग्राउंड।

भूपेंद्र सिंह चुडसमा [कैबिनेट मंत्री]

भूपेन्द्र सिंह चुडसमा वरिष्ठ क्षत्रिय चेहरा हैं। वे रुपाणी सरकार में सीनियर मंत्री रहे हैं। चुडसमा के पास शिक्षा और राजस्व जैसे महत्वपूर्ण विभाग इनके पास थे। अहमदाबाद जिले की धोलका सीट से 5वीं बार विधायक के रूप में विधानसभा में चुनकर आये हैं।

गणपत वसावा [कैबिनेट मंत्री]

गणपत भाई वसावा  गुजरात बीजेपी के इस वक्त सबसे मजबूत आदिवासी चेहरा है। उन्होंने दक्षिण गुजरात मे पार्टी को पैंठ बनाने में काफी मदद की। लगातार चौथी बार सूरत जिले की मांगरोल सीट से चुनाव जीते हैं। इससे पहले भी वे रुपाणी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे है  और विधान सभा मे स्पीकर भी रह चुके हैं। गणपत भाई इससे पहले मोदी और आनंदीबेन मंत्रिमंडल में भी रह चुके हैं।

आर सी फलदू [कैबिनेट मंत्री]

आरसी फलदू गुजरात के जामनगर दक्षिण से विधायक है। लेउवा पटेल समाज से ताल्लुक रखनेवाले आरसी फलदू दो बार गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं। पाटीदारो के घोर विरोध के बीच सौराष्ट्र रीजन से जीत कर तीसरी बार विधायक चुनकर आये हैं। 

कौशिक पटेल [कैबिनेट मंत्री]

कौशिक पटेल भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के सबसे भरोसेमंद लोगों में शुमार किए जाते हैं। वे  गुजरात बीजेपी के संगठन का एक बड़ा नाम और पटेल चेहरा है। इस बार अमित शाह के राज्यसभा पहुंचने के बाद खाली हुई नारणपुरा विधानसभा सीट से चुनाव जीत कर चौथी बार विधायक चुने गए हैं। वे राज्य के राजस्व मंत्री सहित कई मंत्रालयों को संभाल चुके हैं।

दिलीप ठाकोर [कैबिनेट मंत्री]

दिलीप ठाकोर गुजरात बीजेपी का सबसे बड़ा ठाकोर चेहरा है। उनकी ओबीसी समाज मे अच्छी पैंठ है।  उत्तर गुजरात में इस बार ठाकोर आंदोलन की लहर के बीच वे भारी वोटों से चुनाव जीत कर 5वीं बार विधायक चुने गए हैं। वे मोदी, आनंदीबेन और रुपाणी मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुके हैं। 

जयेश राधड़िया [कैबिनेट मंत्री]

जयेश राधाड़िया सौराष्ट्र के मजबूत पाटीदार नेता विट्ठल राधड़िया के पुत्र है। वे खुद भी पाटीदार समाज मे अच्छी पकड़ रखते हैं। पाटीदार आंदोलन की आंधी के बीच जेतपुर की मुश्किल सीट बड़े मार्जिन से जीते थे। साल 2007 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीते और 2012 में अपने पिता के साथ बीजेपी में शामिल हुए और चुनाव जीते। उन्हें मोदी मंत्री मंडल में स्थान दिया गया और फिर आनंदीबेन और रुपाणी मंत्रिमंडल में भी मंत्री रहे। 

राज्यमंत्रियों की लिस्ट-

-प्रदीप सिंह जडेजा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से सबसे नजदीकी लोगों में से एक माने जाते हैं।  मौजूदा सरकार में गृह राज्य मंत्री जाडेजा लगातार चौथी बार चुनाव जीतकर विधानसभा के सदस्य बने है। उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया है।

 -परबत पटेल उत्तरी गुजरात के चौधरी पटेल समाज से आते हैं। बनासकांठा के थराड विधानसभा सीट से वे 5वीं बार विधायक चुने गए हैं। वह मोदी और आनंदीबेन सरकार में मंत्री रह चुके हैं। उन्हें भी राज्यमंत्री बनाया गया है।

- वासन भाई आहिर आहिर समाज के नेता हैं और इनका कच्छ में अच्छा खासा प्रभाव है। वे भुज और अंजार सीट से चुनाव जीत चुके हैं और इस बार भी अंजार की सीट से चुनाव जीतकर 5वीं बार विधायक बने है।

-पुरुषोत्तम सोलंकी लगातर छठी बार विधानसभा का चुनाव जीते हैं। वे राज्य का सबसे बड़ा कोली चेहरा जिसने कोली समाज को बीजेपी के साथ अबतक जोड़े रखा।

-ईश्वर सिंह पटेल समाज के नेता हैं और अंकलेश्वर की सीट से चौथी बार चुनाव जीते हैं। वे  रुपाणी और मोदी सरकार में मंत्री रह चुके है। दक्षिण गुजरात मे कोली पटेलों पर इनका खासा प्रभाव है।

-कुमार कानानी इन्हें पाटीदार आंदोलन का ऐपिसेंटर कही जाने वाली सूरत की वराछा सीट बड़े मार्जिन से जीतने का रिवार्ड मिल रहा है. हालांकि ये दूसरी बार ही विधायक बने है पर सूरत में पाटीदार आंदोलन के इफेक्ट को कम करने में इनका बड़ा हाथ रहा है और अब ये पहली बार मंत्री मंडल में स्थान पा रहे हैं. 

-विभावरी दवे विजय रूपाणी की सरकार में शामिल होनेवाली सिर्फ अकेली महिला और ब्राह्मण चेहरा हैं। तीसरी बार चुनाव जीतकर विधायक बनी विभावरी दवे। भावनगर की पहली महिला मेयर भी रह चुकी हैं।

-बचु खाबड़ ने दाहोद जिले की देवगढ़ बारिया सीट जो कि कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी उसे 2002 में जीता औऱ उसी सीट को 2012 में दोबारा जीती।  2017 में तीसरी बार भी बचु भाई ने इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। 

-रमण पाटकर दक्षिण गुजरात के एक और बड़े आदिवासी नेता है। उन्होंने 1995 में दक्षिण गुजरात के आदिवासी इलाकों में BJP की जीत की नींव रखी। गुजरात की उमरगाम की सीट पर से ये इस बार 5वीं बार चुने गए हैं। 

-ईश्वर परमार रुपाणी सरकार का दलित चेहरा है। जिस वक्त गुजरात में बीजेपी के तमाम बड़े दलित नेता इस बार चुनाव हार गए हैं तो पार्टी ने इस युवा दलित नेता को आगे बढ़ाया है। उन्हें पहली बार मंत्रिमंडल में शामिल किया है।

-जेद्रथ सिंह परमार  मध्य गुजरात में पार्टी का मजबूत क्षत्रिय चेहरा है। कांग्रेस के वर्चस्व वाली पंचमहल जिले की हालोल सीट को ये 2002 से लगातार जीतते आ रहे हैं।

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