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हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने शुक्रवार को झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री के रूप में शपथ ली। चंपई सोरेन को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने गुरुवार को मुख्यमंत्री मनोनीत किया था।

इससे पहले चंपई सोरेन ने शिबू सोरेन से मुलाकात की। इसके बाद चंपई ने कहा कि गुरुजी हमारे आदर्श हैं, शपथ लेने से पहले हम गुरुजी और माताजी (रूपी सोरेन) से आशीर्वाद लेने आए थे। मैं झारखंड आंदोलन से जुड़ा था और मैं उनका शिष्य हूं।

जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायक हैदराबाद रवाना

शपथ ग्रहण समारोह के कुछ ही देर बाद ही झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायक हैदराबाद जाने के लिए हवाई अड्डे पर पहुंचे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि हमें सरकार का बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया था। हम इस दौरान कोई जोखिम नहीं ले सकते, क्योंकि भाजपा हमारे विधायकों से संपर्क करने की कोशिश कर सकती है।

गुरुवार को झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा जारी एक वीडियो में 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में 43 विधायकों का समर्थन दिखाया गया।

हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद बदले समीकरण

झामुमो विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने राज्यपाल से जल्द से जल्द सरकार बनाने के उनके दावे को स्वीकार करने का आग्रह किया था, क्योंकि राज्य में ‘भ्रम’ की स्थिति बनी हुई थी। यह स्थिति बुधवार को हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद से राज्य में मुख्यमंत्री न होने की वजह से थी और इसके कारण राजनीतिक संकट गहरा गया था।

बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का समय

प्रदेश कांग्रेस प्रमुख राजेश ठाकुर ने कहा कि चंपई सोरेन को अपनी सरकार का बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है। कांग्रेस राज्य में झामुमो-नीत गठबंधन की सहयोगी पार्टी है। इससे पहले चंपई सोरेन ने कहा था कि हम एकजुट हैं। हमारा गठबंधन मजबूत है, इसे कोई तोड़ नहीं सकता।

भाजपा हुई हमलावर

इस बीच भाजपा ने मामले में सवाल उठाए हैं। झारखंड भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि दो दिनों से झारखंड के सत्ताधारी गठबंधन के नेताओं ने राज्यपाल और केंद्रीय नेताओं के लिए अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया है। कल जब पहला लेटर दिया गया तो उसमें भी तकनीकि त्रुटियां थीं। हम यही उम्मीद करते हैं कि झारखंड में जो हेमंत सोरेन का 4 वर्षों का काला अध्याय रहा है वो दोहराया ना जाए। एक बात स्पष्ट है कि चंपई सोरेन भले ही मुख्यमंत्री बन गए हों लेकिन सत्ता के तार सोरेन परिवार के पास ही होंगे।

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