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चेन्नई: पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मृत्यु की परिस्थितियों की जांच करने के लिए गठित न्यायमूर्ति ए. अरूमुगस्वामी जांच आयोग ने चेन्नई के अपोलो अस्पताल में अन्नाद्रमुक नेता का परीक्षण करने वाले एम्स के तीन डॉक्टरों को समन किया है। आयोग ने तीनों डॉक्टरों से 23-24 अगस्त को अपने समक्ष उपस्थित होने को कहा है। आयोग ने श्वांस चिकित्सा विभाग के डॉक्टर जी. सी. खिलनानी, एनेस्थेसिया विभाग के प्रोफेसर अंजन त्रिखा और हृदय रोग विभाग के प्रोफेसर नीतीश नायक को समन किया है।

जयललिता 22 सितंबर से पांच दिसंबर, 2016 तक चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती रही थीं। इस दौरान तीनों डॉक्टरों ने कई बार उनकी जांच की थी। पैनल के सूत्रों ने बताया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्था (एम्स) के विशेषज्ञ डॉक्टरों के दोनों दिन आयोग के गवाहों के रूप में पूछताछ की जाएगी। सूत्र ने बताया कि समन जारी किया जा चुका है और डॉक्टरों ने उसे स्वीकार भी कर लिया है। आयोग ने अभी तक 75 गवाहों से पूछताछ की है। इसके अलावा सात अन्य लोगों से भी पूछताछ की गयी है जिन्होंने स्वयं गवाह बनने की अर्जी पैनल को दी थी।

इन गवाहों में से 30 से ज्यादा के साथ वी. के. शशिकला के वकील भी जिरह कर चुके हैं। जयललिता की पुरानी सहयोगी शशिकला फिलहाल जेल में बंद है।

गौरतलब है कि जिनसे गवाहों के रूप में पूछताछ की गयी है उनमें सरकारी और अपोलों अस्पताल के दर्जनों डॉक्टर, पूर्व और मौजूदा सरकारी अफसर तथा पुलिस अधिकारी शामिल हैं। तमिलनाडु सरकार ने सितंबर, 2017 में जांच आयोग अधिनियम, 1952 के तहत इस मामले की जांच के लिए पैनल का गठन किया था।

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