चंडीगढ़: करनाल में शनिवार को किसानों पर लाठीचार्ज के बाद सियासत गरमा गई है। सोमवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल का लेखा जोखा पेश करते हुए किसान आंदोलन के लिए पंजाब सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने साफ कहा कि किसान आंदोलन, हिंसा के पीछे पंजाब सरकार के लोगों का हाथ है।
इसके बाद पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पलटवार किया। कैप्टन ने साफ कहा कि हरियाणा के सीएम की टिप्पणी ने उनकी सरकार के किसान विरोधी एजेंडे को पूरी तरह से उजागर कर दिया है। कैप्टन ने सीएम मनोहर लाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत को याद दिलाया, करनाल में भाजपा की बैठक का विरोध कर रहे किसान हरियाणा के थे, पंजाब के नहीं।
इससे पहले मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह और हरियाणा में भूपेंद्र हुड्डा किसानों को भड़का रहे हैं लेकिन किसी को भी अनिश्चितकाल के लिए सड़क जाम करने का अधिकार नहीं है।सीएम ने किसान आंदोलन को विपक्ष के भ्रम की देन बताया। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने मंडियां व एमएसपी खत्म होने का भ्रम फैलाया है। जबकि सच यह है कि देश में न मंडी खत्म हुई न एमएसपी।
उन्होंने कहा, जो मंडियां बंद थीं वह भी शुरू की गईं हैं। मनोहर लाल ने कहा कि हम 10 फसलें एमएसपी पर खरीद रहे हैं, जबकि अन्य राज्यों में गेहूं व धान ही खरीदा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस का भ्रामक प्रचार सहन कर रहे हैं। हमारी सलाह है कि सही को सही व गलत को गलत कहना सीखें। कांग्रेस के पास मुद्दे नहीं हैं। यही हाल रहा तो कांग्रेस का भविष्य अंधकारमय है। कांग्रेस का अंधकारमय भविष्य हमारे लिए ठीक है। हम अगले पांच साल सरकार चलाने की भी तैयारी कर रहे हैं।