चंडीगढ़: सरहद पार से राज्य को बढ़ रहे खतरे को देखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान कैप्टन ने पाकिस्तान की शह प्राप्त आतंकी ताकतों से मुकाबला करने के लिए केंद्रीय हथियारबंद पुलिस बलों (सीएपीएफ) की 25 कंपनियां और बीएसएफ के लिए ड्रोन नष्ट करने वाले उपकरण तुरंत मुहैया कराने की मांग की है।
स्वतंत्रता दिवस से पहले और आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की सरगर्मियां बढ़ गई हैं। राज्य में हाल के दिनों में हथियारों, हैंड ग्रेनेड और आईईडी की बड़ी स्तर पर घुसपैठ का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने अमित शाह के साथ मीटिंग में बताया कि सुरक्षा की स्थिति बहुत भयावह है, जिसके लिए केंद्र को तुरंत दखल देने की जरूरत है। कैप्टन ने केंद्रीय गृह मंत्री से अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, मोहाली, पटियाला, बठिंडा, फगवाड़ा और मोगा के लिए केंद्रीय हथियारबंद पुलिस बलों की मांग करने के साथ ही सरहद पर बीएसएफ के लिए ड्रोनों को नष्ट करने वाले उपकरण मांगे हैं।
उन्होंने अहम स्थानों और सार्वजनिक समारोह जिनमें वीवीआईपी शामिल होते हैं, की सुरक्षा को खतरे का हवाला भी दिया।
कैप्टन ने बताया, इन संगठनों और स्थानों पर है खतरा
केंद्रीय और प्रांतीय एजेंसियों से मिले विवरणों और गिरफ्तार किए आतंकियों से हुए खुलासों का हवाला देते हुए कैप्टन ने गृह मंत्री से कहा कि रेल, बस और मंदिर, प्रमुख किसान नेता (ऐसे पांच किसान नेताओं के बारे में ठोस जानकारी मिली थी, लेकिन उन्होंने पंजाब और हरियाणा पुलिस की तरफ से सुरक्षा मुहैया करवाने की पेशकश ठुकरा दी थी), पंजाब से संबंधित आरएसएस शाखाओं/दफ्तरों, आरएसएस /भाजपा/शिव सेना नेता, डेरा, निरंकारी भवन और समागम समेत व्यक्तियों और जलसों पर संभावित खतरा है।
मुख्यमंत्री ने अमित शाह को पाकिस्तान की आईएसआई और देश की अन्य ताकतों द्वारा आतंकी गतिविधियों के लिए राज्य में बड़ी मात्रा में हथियार, ग्रेनेड, आरडीएक्स, डैटोनेटर, टाइमर, अत्याधुनिक लैबोरेटरी द्वारा बनाए गए टिफिन बम के बारे में भी जानकारी दी।