ताज़ा खबरें
झारखंड में अवैध हड़पी गई ज़मीन आदिवासी बेटियों के ​नाम करेंगे: मोदी
महाराष्ट्र में क्‍या सपा के नौ प्रत्याशी लड़ेंगे चुनाव! अखिलेश ने बुलाई बैठक
मनोज जरांगे पाटील का एलान- महाराष्ट्र चुनाव नहीं उतारेंगे एक भी प्रत्याशी
उत्तराखंड: अल्मोड़ा में बस खाई में गिरी, 15 यात्रियों की मौत, कई घायल
सुरक्षा एजेंसियों से उपराज्यपाल मनोज सिन्हा बोले- 'आपको खुली छूट है'
राजधानी की हवा सर्वाधिक प्रदूषित, उत्तर भारत के पांच शहरों में 300 पार

चंडीगढ़: कृषि कानून को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी हैं। उन्‍होंने दोटूक अंदाज में कहा है कि सरकार को इन कानूनों को तुरंत रद्द करना चाहिए और जब तक कानून को खत्‍म नहीं किया जाएगा, प्रदर्शन जारी रहेगा। इस बीच पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने किसानों के समर्थन में उतरते हुए विरोध स्‍वरूप अपना पद्म विभूषण अवार्ड लौटा दिया है। बादल ने कहा, 'केंद्र सरकार किसानों के साथ छल कर रही है।'

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा ने कृषि कानूनों को लेकर विरोध जताते हुए 'पद्म भूषण' लौटाने की घोषणा की है। उन्‍हें वर्ष 2019 में यह अवार्ड दिया गया था। वे इस बारे में राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखेंगे। इस बीच, पंजाब के किसान नेताओं ने कृषि कानूनों के विरोध में 'पद्म विभूषण' लौटाने के पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल की फैसले की सराहना की है।

गौरतलब है कि तीन नए किसान कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों की आज चौथी बार बातचीत होनी है।

लेकिन उससे पहले किसानों ने सरकार से साफ तौर पर कहा है कि सरकार के पास बातचीत का यह अंतिम मौका है।

किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द संसद का आपातकालीन सत्र बुलाए और उसमें तीनों नए कृषि कानूनों की जगह नया बिल लाए। तीनों नए कानूनों को विवादित कानून बताकर किसान सितंबर से ही आंदोलनरत हैं। उधर, दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनकारियों की बढ़ती तादाद के बीच ट्रांसपोर्टरों के शीर्ष संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने आंदोलनकारी किसानों का समर्थन करते हुए उत्तर भारत में आठ दिसंबर से परिचालन बंद करने की धमकी दी है। एआईएमटीसी लगभग 95 लाख ट्रक ड्राइवरों और अन्य संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करने का दावा करती है।

 

 

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख