नई दिल्ली: 'कृषि राज्य का विषय है। हमने अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए नए कृषि कानून बनाए। लेकिन ये बिल अभी राज्यपाल के पास पड़े है। हम 20 तारीख़ को उन्हें बिल दे आए थे। लेकिन उन्होंने अभी तक उसे राष्ट्रपति के पास नहीं भेजा है। मैं राष्ट्रपति से मिलकर पंजाब की स्थिति से अवगत कराना चाहता था। उम्मीद करता हूं कि राष्ट्रपति इस बिल को स्वीकार करेंगे।' यह बात पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देते हुए कही। दरअसल, अमरिंदर इस मसले पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलना चाहते थे। लेकिन मंगलवार को राष्ट्रपति ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया था।
इस मौके पर अमरिंदर ने यह भी कहा, 'शांति बनाए रखना मेरी ज़िम्मेदारी है। हमने अपने देश के लिए बहुत बार अपना ख़ून दिया और आगे भी देने को तैयार हैं। हम कोई झगड़ा नहीं चाहते। पंजाब में शांतिपूर्ण प्रदर्शन चल रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद था कि गांधीजी की समाधि में जाएं और वहीं धरने पर बैठें। लेकिन धारा 144 के चलते हम यहां पर बैठें हैं।
उन्होंने कहा, पंजाब की आबादी 3 करोड़ से ज़्यादा की है। देश की सरहदों पर चीन की, पाकिस्तान की सीमाओं पर पंजाबी बैठे हैं। हम कभी एंटी नेशनल बात नहीं कर सकते। 40% अनाज हम एफसीआई को देते हैं। ग्रीन रेवोल्यूशन से पहले से भी हमारे यहां आढ़ती सिस्टम चला आ रहा है। किसी की बेटी की शादी है तो उसे रात में कभी भी पैसे मिल जाते हैं, तो बताइए आप ये सिस्टम क्यों ख़त्म कर रहे हैं। आप कार्पोरेट हाउस ले लेंगे तो क्या किसान रात में अपनी बेटी की शादी के लिए पैसे मांग सकते हो? आप भाई-भाई का रिश्ता तोड़ रहे हो।
अमरिंदर ने कहा किसान आंदोलन शुरू हुआ तो हमने उन्हें समझाया। दो बातें को कभी नहीं छेड़ना नहीं चाहिए। एक धर्म के मसले को और दूसरे पेट के मसले को। रोज़ पाकिस्तान के ड्रोन आते हैं कोई छेड़छाड़ करने की कोशिश करते हैं। हम केंद्र सरकार की एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। पंजाब एक बॉर्डर स्टेट है। हम परेशानी नहीं चाहते। हमारे यहां ट्रेन बंद किए हुए हैं, किसान सिर्फ़ दो मुख्य सड़कों पर हैं, बाकी जगह ट्रेन चला दो। उन्होंने कहा, 'मैंने रेलवे मंत्री से कहा कि आप चलाओ, मैं ज़िम्मेदारी लेता हूं। हमारे यहां पावर प्लांट में कोयला ख़त्म हो गया। बिजली की समस्या हो गई है। ट्रेन नहीं चलेगी तो कोयला नहीं आएगा। अनाज के लिए बारदाना नहीं है। आलू के लिए खाद नहीं है। बंपर फ़सल हुई है उसके लिए रेल चाहिए। हमें बारदाना चाहिए, हमारे गोदाम पुराने अनाज से भरे पड़े हैं। बोरे नहीं आएंगे तो हम अनाज कैसे भरेंगे?