चंडीगढ़: कृषि सुधार को लेकर राज्यसभा में पारित विधेयकों को लेकर जारी घमासान के बीच केंद्र सरकार ने रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित कर दिया है। सरकार की तरफ से समय से पहले ही इसकी घोषणा की गयी है। लेकिन पंजाब और हरियाणा में किसान नेताओं की तरफ से जारी विरोध लगातार तेज होता जा रहा है। देश भर में इन्हीं दो राज्योें में इस बिल का सबसे अधिक विरोध देखा जा रहा है।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह केंद्र सरकार के इस बिल का शुरुआती दिनों से विरोध करते रहे हैं। सरकार की तरफ से एमएसपी जारी किये जाने को उन्होंने ''भ्रामक'' करार दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि कृषि बिलों को लेकर किसानों के विरोध का मखौल केंद्र सरकार की तरफ से बनाया जा रहा है। कृषि बिल एमएसपी प्रणाली को समाप्त करने और भारतीय खाद्य निगम को खत्म करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।" साथ ही उन्होंने कहा कि अगर भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने सोचा है कि वह आंदोलनकारी किसानों को इस एमएसपी से आकर्षित कर लेगी तो उन्हें स्पष्ट रूप से स्थिति अभी समझ में नहीं आयी है।
अकाली दल के सुखबीर बादल ने कहा कि गेहूं के लिए एमएसपी में 50 प्रति क्विंटल बढ़ोतरी स्वीकार योग्य नहीं है। एमएसपी में बढ़ोतरी को "पूरी तरह से अपर्याप्त" बताते हुए उन्होंने कहा कि यह उन किसानों के लिए एक "भारी निराशा" है, जो पहले से ही अपनी उपज की कीमतों में कमी से जूझ रहे हैं। एमएसपी बढ़ोतरी की घोषणा पर उन्होंने कहा कि उन फसलों की सुनिश्चित खरीद के अभाव में अर्थहीन है।