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चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने कोविड के विरुद्ध जंग को और तेज कर दी है। सभी सार्वजनिक स्थलों पर भीड़भाड़ पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इसके साथ ही सार्वजनिक सभाओं में पांच व्यक्ति और विवाह व अन्य सामाजिक समारोहों में 50 की बजाय 30 व्यक्तियों के शामिल होने की अनुमति होगी। यह दिशा-निर्देश मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के एलान के तहत राज्य सरकार ने जारी किए गए हैं। सार्वजनिक समारोह के आयोजन पर लागू रोक का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध अनिवार्य तौर पर एफआईआर दर्ज की जाएगी और यह नियम अब सख्ती से लागू किया जाएगा।

नोटिफिकेशन के मुताबिक, पुलिस और सिविल प्रशासन की साझा टीमें सामाजिक सभा (सभी जिलों में लागू धारा-144 के अधीन पांच तक सीमित) के साथ-साथ विवाहों और सामाजिक समारोहों पर प्रतिबंध का सख्ती से पालन करवाएंगी। नियमों का उल्लंघन होने पर मैरिज पैलेसों /होटलों के प्रबंधकों को न सिर्फ जिम्मेदार ठहराया जाएगा, बल्कि उनके लाइसेंस भी सस्पेंड किए जाएंगे। मैरिज पैलेसों /होटलों /अन्य व्यापारिक स्थानों के प्रबंधकों को यह प्रमाणित करना होगा कि अंदरूनी स्थानों से हवा की निकासी के लिए उचित बंदोबस्त है कि नहीं।

राज्य सरकार आईआईटी चेन्नई के विशेषज्ञों के साथ मिलकर निगरानी और बढ़ाएगी और ऐसी सार्वजनिक भीड़भाड़ जिनके कारण बीते दिनों में यह रोग फैला है, की निशानदेही के लिए तकनीक का प्रयोग करेगी। नये दिशा-निर्देशों के मुताबिक, काम वाले स्थानों /कार्यालयों/तंग स्थानों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। वातानुकूलित और हवादार माहौल पर स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी की सख्ती से पालना करने के भी आदेश दिए गए हैं।

दिशा-निर्देशों के मुताबिक, कार्यालयों में सार्वजनिक कामकाज को जरूरत आधारित और आपात मसलों को निपटाने तक सीमित किया जा सकता है। मंत्रीमंडल की तरफ से हाल ही मंजूर ऑनलाइन सार्वजनिक शिकायत निपटारा प्रणाली को और ज्यादा प्रयोग में लाया जाएगा। कोविड के लिए संशोधित प्रबंधन और सीमित रणनीति के मुताबिक एसोसिएशनों के मांग पत्रों की व्यावहारिक पेशकारी नहीं होगी। चाय परोसने आदि से गुरेज किया जाएगा और काम वाली जगह पर पांच से अधिक व्यक्तियों का मीटिंग करना भी वर्जित होगा।

स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे की पूरी क्षमता के अनुसार प्रयोग करने के लिए बिना लक्षण वाले /कम प्रभावित मरीजों, जिन्हें अन्य गंभीर बीमारियां /समस्याएं न हों, को जरूरत के अनुसार कोविड इलाज केन्द्रों /घरेलू एकांतवास में रखा जाएगा। दूसरे और तीसरे दर्जे की सुविधाओं वाले बेड ऐसे मरीजों के इलाज के लिए नहीं इस्तेमाल होंगे। उन्हें निचले स्तर की इलाज सुविधा के लिए रेफर किया जाएगा।

राज्य सरकार की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि निजी इलाज केन्द्रों के साथ समझौते का यह मतलब नहीं कि सरकार द्वारा अंतिम चरण पर रेफर किए मरीजों के लिए पहले से ही बेड रोक लिए जाएं। ऐसे मामलों में सरकार की तरफ से सिर्फ रेफर किये गए मरीजों के लिए ही अदा करने योग्य चार्ज दिए जाएंगे। डिप्टी कमीशनरों /पुलिस कमीशनरों /जिला पुलिस मुखियों की तरफ से यह यकीनी बनाया जाएगा कि सभी अस्पताल, जो कोविड से प्रभावित मरीज़ों का इलाज कर सकते हों, बेडों की उपलब्धता संबंधी जानकारी मुहैया करवाने और किसी भी कोविड पॉजिटिव मरीज को इलाज से मना नहीं करेंगे। 

मानसून सीजन के दौरान पानी से होने वाली बीमारियों के खतरे को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने साफ -सफाई की मुहिम का फैसला किया है, जिसे शहरी स्थानीय निकाय संस्थाओं और पंचायती राज्य संस्थाओं द्वारा चलाया जाएगा ताकि डेंगू/वैकटर बार्न बीमारियों को रोका जा सके।

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