चंडीगढ़: घरेलू हिंसा के मामलों में बढ़ोत्तरी को देखते हुए पंजाब कांग्रेस के दो नेताओं की पत्नियों ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से अनुरोध किया है कि वह शराब की 'होम डिलीवरी कराने के अपने फैसले पर पुन:विचार करें। इनमें से एक कैबिनेट मंत्री की पत्नी हैं। राज्य सरकार ने कोविड-19 लॉकडाउन 3.0 के दौरान बृहस्पतिवार से शराब की होम डिलीवरी की अनुमति दे दी है। पंजाब आबकारी कानून, 1914 और आबकारी नियमों में होम डिलीवरी का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन यह फैसला कोविड-19 महामारी के दौरान सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
अकाल तख्त के जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने भी बृहस्पतिवार को कहा कि शराब की दुकानें खुलने से घरेलू हिंसा के मामले बढ़ेंगे। इस फैसले पर शंका जताते हुए लुधियाना से पार्षद और पंजाब के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशू की पत्नी ममता आशू ने शनिवार को कहा कि मादक पदार्थों के नशे के खिलाफ लड़ाई, कांग्रेस का चुनावी वादा था इसलिए इस फैसले पर पुन:विचार करने की जरुरत है। ममता ने आज ट्वीट किया है, इसकी वजह से लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा के मामले बढ़ सकते हैं। यहां तक कि ठेकेदार भी उन्हें खोलना नहीं चाहते हैं।
गिद्दरबाहा से कांग्रेस विधायक अमरिंदर सिंह राजा वारिंग की पत्नी ने भी ऐसा ही अनुरोध किया है। अमृता वारिंग ने शुक्रवार को ट्वीट कर एक ओर जहां पूर्ववर्ती शिअद-भाजपा सरकार पर परिवारों को बर्बाद करने का आरोप लगाया, वहीं दूसरी ओर कहा कि सरकार के इस फैसले से घरेलू हिंसा के मामले बढ़ सकते हैं।