चंडीगढ़: पड़ोसी राज्यों के साथ जल बंटवारे संबंधी सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर समझौता को रद्द करने वाले, वर्ष 2004 में पारित कानून को सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक करार दिए जाने से लगे जोरदार झटके के बाद आज (गुरूवार) सत्तारूढ़ शिअद ने आपात बैठक बुलाई। पंजाब में शिअद की गठबंधन साझेदार भाजपा ने भी शीर्ष न्यायालय के फैसले पर सहयोगी दल का साथ दिया है। भाजपा ने कहा, ‘‘पंजाब के पास दूसरे राज्य से साझा करने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है।’’ मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा, ‘‘एसवाईएल नहर जल बंटवारा पर फैसले से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए आज शाम यहां एक आपात बैठक बुलाई गई।’’ उन्होंने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी करने से इनकार करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘हर चीज पर या तो शिअद की कोर कमेटी में या कैबिनेट बैठक में फैसला किया जाएगा।’’ बादल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सांसद पद से पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह के इस्तीफे और उनकी पार्टी के विधायकों द्वारा उनका अनुपालन किए जाने को महज एक नाटक करार दिया। उन्होंने कहा कि उनका और अन्य का इस्तीफा नाटक है। विधानसभा चुनाव दो महीने में होने हैं। क्या वे अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे। यह महज एक नाटक है। पंजाब भाजपा नेता विनीत जोशी ने कहा, ‘‘हम हरियाणा या भारत के किसी अन्य राज्य को पानी देने के खिलाफ नहीं हैं लेकिन पंजाब के पास बंटवारा के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है।
हम किसानों की कीमत पर पानी नहीं दे सकते। ’’ शीर्ष न्यायालय के फैसले में पंजाब टर्मिनेशन ऑफ एग्रीमेंट्स एक्ट 2004 को असंवैधानिक बताया गया है। इससे पहले फतेहगढ़ साहिब में पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा, ‘‘हम पंजाब की नदी के बेशकीमती पानी की एक बूंद भी राज्य के बाहर नहीं जाने देंगे।’’