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पटना: राजनीति रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बुधवार को कहा कि अगर बिहार की नवगठित महागठबंधन सरकार अगले एक-दो साल में 5-10 लाख नौकरियां देने में सफल रहती है, तो वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत सरकार के खिलाफ अपना ‘जन सुराज' अभियान वापस ले लेंगे। ‘जन सुराज अभियान' के तहत समस्तीपुर पहुंचे प्रशांत किशोर ने नवगठित महागठबंधन सरकार के 10 लाख नौकरी के वादे पर उक्त बयान दिया।

उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘स्कूलों में पढ़ा रहे नियोजित शिक्षकों को तो समय पर तनख्वा दे नहीं पा रही है यह सरकार, नई नौकरियां कहां से दे पाएगी।'' किशोर ने आने वाले समय में प्रदेश में राजनीतिक उठा-पठक की भविष्यवाणी करते हुए कहा, ‘‘अभी हमको आए हुए तीन महीने ही हुए और बिहार की राजनीति 180 डिग्री घूम गई। अगला विधानसभा चुनाव आते-आते अभी कई बार बिहार की राजनीति घूमेगी।''

पिछले कुछ वर्षों में तीसरी बार बिहार सरकार का समीकरण बदलने के संदर्भ में उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अपनी कुर्सी से ‘‘चिपक'' जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बाकी की पार्टियां कभी इधर तो कभी उधर होती रहती हैं। किशोर ने कहा कि जनता ने इस सरकार को वोट नहीं दिया था, यह सरकार जुगाड़ पर चल रही है, इसे जनता का विश्वास प्राप्त नहीं है। उन्होंने 2005 से 2010 के बीच बिहार में एनडीए सरकार के काम की प्रशंसा भी की।

उल्लेखनीय है कि 15 अगस्त को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने डिप्टी तेजस्वी यादव के युवाओं को 10 लाख नौकरियां के चुनावी वादे की ओर इशारा करते हुए कहा था, ‘‘हमलोगों की इच्छा है कि इसे 20 लाख तक पहुंचाएं।''

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