पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान से बड़ी घोषणा की है। उन्होंने राज्य में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का एलान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इसके साथ ही 20 लाख लोगों को रोजगार देंगे। इस एलान के साथ मुख्यमंत्री ने उस विपक्ष को करारा जवाब देने की कोशिश की है, जो पिछले एक हफ्ते से उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से लगातार 10 लाख लोगों को नौकरी देने की उनकी घोषणा पर जवाब मांग रहे थे। साथ ही उन्होंने सभी जातियों की गणना के साथ उनकी आर्थिक स्थिति का आकलन कराने की घोषणा की। उन्होंने जनसंख्या वृद्धि पर प्रतिबंध लगाने से इंकार किया।
नौकरियों और रोजगार के बारे में सीएम ने कहा कि दस लाख नौकरियां सरकारी होंगी तथा शेष दस लाख नौकरियां अन्य व्यवस्थाओं से दी जाएंगी। भाजपा नेताओं की मांग से अलग नीतीश ने कहा कि बिहार में जनसंख्या पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत नहीं। असली चीज है लोगों को पढ़ाना। बिहार में प्रजनन दर 2.9 प्रतिशत है। जागरूकता आएगी और बालिका शिक्षा बढेग़ी तो यह घटकर दो प्रतिशत पर आ जाएगी।
उन्होंने कहा, इसके लिए कुछ करने की जरूरत नहीं है। चीन ने क्या किया। पहले प्रजनन दर को एक प्रतिशत किया। जनसंख्या घटने लगी तो दो प्रतिशत करना पड़ा और अभी फिर से तीन प्रतिशत करना पड़ा। नीतीश ने कहा कि जातीय आधारित गणना की तैयारी पूरी है। सभी जातियों की गणना होगी। उनकी आर्थिक स्थिति का भी आकलन करेंगे। चाहे किसी भी जाति का हो, सबका आकलन होगा कि कौन कितना गरीब है।
विस चुनाव में तेजस्वी ने किया था 10 लाख नौकरी का वादा
गौरतलब है कि जबसे तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम की शपथ ली है, भाजपा के नेता उनके 10 लाख नौकरी के वादे याद दिलाने लगे हैं। इस पर तेजस्वी ने कहा कि उन्होंने यह वादा किया था कि मुख्यमंत्री बनेंगे तब 10 लाख नौकरी देंगे, लेकिन वे डिप्टी सीएम हैं तो भी उनकी जिम्मेदारी कम नहीं हुई है। वे अपने वादे पर कायम हैं। एक महीने में इसका असर भी दिखने लगेगा।