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पटना: पटना में भीड़-भाड़ वाले दीवानी अदालत परिसर में शुक्रवार को एक देसी बम में विस्फोट हुआ। विस्फोट में एक पुलिस अधिकारी जख्मी हो गया। यह अधिकारी 'सबूत के तौर पर' विस्फोटक को अदालत लेकर आया था। पीरबहोर थाने के प्रभारी (एसएचओ) सबी उल हक ने बताया कि उपनिरीक्षक की बांह में चोट आई है और वह खतरे से बाहर है। घटनास्थल इसी थाना क्षेत्र में आता है।

थानेदार ने बताया, “जख्मी उपनिरीक्षक उमाकांत राय कदम कुआं थाने में तैनात हैं। उनके क्षेत्र में हाल में कुछ देसी बम जब्त किए गए थे और वे उन्हें सामान्य जांच प्रक्रिया के तहत अदालत लेकर लाए थे।” राय ने एक डिब्बे में बम रखे हुए थे जो उन्होंने सहायक अभियोजन अधिकारी के समक्ष रखे तभी उसमें विस्फोट हो गया।

विस्फोट के बाद पुलिस अधिकारी ने बताया कि कमरे में एक और बक्सा रखा गया था, जिससे कोर्ट रूम के अंदर दहशत फैल गई। हालात ने नाटकीय मोड़ तब लिया जब पटना पुलिस की बम निरोधक इकाई ने कहा कि वे बम को निष्क्रिय नहीं कर पाएंगे।

उन्होंने कहा कि बम को सुरक्षित तरीके से निष्क्रिय करने के लिए आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) की एक टीम की जरूरत होगी। नियमों के मुताबिक सबूत के तौर पर कोर्ट में लाए गए किसी भी विस्फोटक को पहले डिफ्यूज करना होता है।

राहगीरों ने कहा कि शुरुआत में लगा कि विस्फोट टायर फटने की वजह से हुआ है, जो इलाके में आम बात है। मगर उन्होंने जब राय को जख्मी हालत में देखा तो उन्हें पता चला कि क्या हुआ है। पीरबहोर थाने के प्रभारी हक ने बताया कि इस बात की जांच की जा रही है कि क्या बम को अदालत लाने से पहले ठीक तरह से निष्क्रिय किया गया था या नहीं।

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