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पटना: बिहार में एक ताजा घटनाक्रम के तहत एआईएमआईएम का राष्ट्रीय जनता दल में विलय हो गया है। एआईएमआईएम के चार विधायक आज आरजेडी में शामिल हो गए। आज अचानक ही दोपहर बाद तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय सिन्हा के कमरे में एआईएमआईएम के 4 विधायकों के साथ पहुंचकर मुलाकात की। इस दौरान अख्तरुल इमान को छोड़कर ओवैसी की पार्टी के सभी विधायक मौजूद थे। पार्टी के जिन विधायकों ने राजद में शामिल होने का फैसला लिया है उनमें कोचाधामन सीट से विधायक मुहम्मद इजहार अस्फी, जोकीहाट से विधायक शाहनबाज आलम, बायसी से विधायक रुकनुद्दीन अहमद और बहादुरगंज से विधायक अनजार नईमी शामिल हैं।

बता दें कि बीते विधानसभा चुनाव में ओवैसी की एआईएमआईएम से 5 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। इनमें से चार विधायकों ने अब पार्टी का दामन छोड़ दिया है। एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमाम को छोड़ कर चारो विधायक आरजेडी में शामिल हो गए।

ओवैसी की पार्टी से चार विधायकों के आने के बाद आरजेडी बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। पार्टी के अब कुल 80 विधायक हो गए हैं। भाजपा दूसरे नंबर पर पहुंच गई है, जिसके विधायकों की संख्या 78 है।

बताया जा रहा है कि तेजस्वी यादव लंबे समय से एआईएमआईएम का आरजेडी में विलय करना चाहते थे। वे लगातार ओवैसी की पार्टी के विधायकों के संपर्क में थे। हालांकि, एआईएमआईएम प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान से विलय की बात नहीं बन पाई। मगर तेजस्वी पांच में से चार विधायकों को अपने दल में शामिल करने में सफल रहे।

बता दें कि बिहार में औवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने 2015 में चुनाव लड़ा था लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी थी। एआईएमआईएम को पहली सफलता साल 2019 में लोकसभा चुनाव में किशनगंज सीट पर मिली थी। इस बार एआईएमआईएम ने 20 में से 16 टिकट मुसलमानों को दिया था।

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