नई दिल्ली: अग्निपथ योजना के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को लेकर बिहार में एक अलग राजनीति शुरू हो गई है। यहां सत्ता में शामिल भाजपा-जेडीयू विरोध प्रदर्शन को लेकर आमने-सामने दिख रहे हैं। शनिवार को पहले जहां भाजपा के संजय जायसवाल ने प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई न करने का आरोप राज्य सरकार पर लगाया। वहीं इसके जवाब में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भाजपा पर जवाबी हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो अग्निपथ योजना का निर्णय लिया उसी के बाद से युवा और छात्र सड़क पर आए। ये अगल बात है कि किसी भी समस्या का समाधान हिंसा नहीं हो सकता है। लेकिन युवाओं की स्वाभाविक प्रतिक्रिया भी भाजपा को समझ नहीं आई। भाजपा को चाहिए था कि वो युवाओं की मन की आशंका को दूर करे। भाजपा सिर्फ प्रशासन पर आरोप लगा रही है। बात युवाओं की आशंकाओं की है।
ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार जी प्रशासन चलाने में सक्षम हैं और देश में गुड गवर्नेंस का उनको पुरस्कार मिल चुका है। इसलिए संजय जायसवाल जी से शिक्षा लेने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा, प्रशासन अपना काम कर रहा है। उन्होने आगे कहा कि क्या भाजपा शासित प्रदेशों में छात्र प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। क्या वहां हिंसा नहीं हो रही है। ऐसा ही है तो संजय जायसवाल जी को चाहिए कि वो वहां के प्रशासन से कहें कि वो प्रदर्शन कर रहे छात्रों को गोली से उड़वा दें।
गौरतलब है कि ललन सिंह के पलटवार से पहले बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने अपनी ही सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि सब कुछ प्रशासन के सामने हो रहा है, लेकिन वो सिर्फ मूकदर्शक बनी हुआ है। युवा प्रशासन की मौजूदगी में भाजपा दफ्तरों को निशाना बना रहे हैं। बीते तीन दिनों में प्रशासन की जो भूमिका रही है वो कहीं से भी स्वीकार्य नहीं है। प्रशासन हंगामा करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। कहीं न कहीं प्रशासन की स्थिति काफी दयनीय रही है।
बिहार में अग्निपथ योजना के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को लेकर संजय जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। जिसमें उन्होंने राज्य सरकार की नीयत पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि राज्य की पुलिस के सामने हमारे जिला कार्यलायों में आग लगा दी जा रही है, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती। मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि ये जो कुछ भी हो रहा है वो एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। अगर किसी को इस योजना से दिक्कत है या थी तो उसे पहले अपनी बात अपने विधायकों और सांसदों या फिर जिला अधिकारियों के सामने रखनी चाहिए थी। सीधा सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करना किसी समस्या का हल नहीं हो सकता है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जायसवाल ने अग्निपथ योजना की जमकर तारीफ भी की थी। उन्होंने कहा था कि ये योजना युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखकर ही लाया गया है। ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ हमारे देश में। हमारे देश में ये काफी देर से आया है, विश्व के 30 देशों में ऐसी योजना है और इस योजना से युवाओं को रोजगार ही मिल रहा है। ऐसे में बगैर किसी जानकारी के सिर्फ किसी योजना का विरोध करना कहीं से भी सही नहीं है। जो युवा इस योजना से जुड़ेंगे उन्हें चार साल के बाद 11 लाख रुपये दिया जाएगा साथ ही उन्हें कई अन्य सर्विस में भर्ती के लिए वरीयता भी दी जाएगी। हमारी सरकार देश में एक युवा सेना बनाना चाहती है और उसी कड़ी में ये बड़ा कदम है।
बिहार जेडीयू द्वारा इस योजना का विरोध करने के सवाल पर संजय जायसवाल ने कहा था कि जिसे भी इस योजना से दिक्कत है वो पहले हम तक आएं तो। हमे बताएं कि आखिरी उन्हें इस योजना में क्या समझ में नहीं आया है। सिर्फ विरोध करते रहने से समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। हमारी सरकार सभी को इस योजना के फायदे बताने के लिए प्रतिबद्ध है।