पटना: रेलवे परीक्षा में धांधली और बवाल के विरोध में आज बिहार में विपक्ष ने बंद बुलाया है। बंद में छात्र संगठनों को महागठबंधन का साथ मिला है। वहीं कोचिंग संचालक फैज़ल खान ने छात्रों से प्रदर्शन न करने की अपील की है। पूरे बिहार में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने आज पूरे बिहार में सड़कें जाम कीं, ट्रेनें रोकीं और टायर जलाए। बता दें कि रेलवे भर्ती बोर्ड एनटीपीसी परीक्षा के नतीजों में अनियमितता को लेकर छात्रों ने आज बिहार बंद का आह्वान किया है।
लेफ्ट के छात्र संगठन एआईएसए की ओर से बुलाए गए बंद को बिहार की विपक्षी पार्टियों का भी समर्थन है। जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने भी छात्रों के समर्थन में ट्वीट किया है। बंद को देखते हुए राज्य में सुरक्षा के लिए पुलिस हाई अलर्ट पर है। बिहार और रेलवे पुलिस ने इसके लिए पूरी तैयारी कर रखी है।
इस बीच पटना के मशहूर टीचर ख़ान सर ने एक वीडियो जारी कर छात्रों से किसी प्रकार का प्रदर्शन नहीं करने की अपील की है।
छात्रों के प्रदर्शन और हंगामे के बाद खान सर सहित कई कोचिंग संचालकों पर भी एफआईआर दर्ज की गई थी। बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल राजद, कांग्रेस, भाकपा एवं माकपा ने बृहस्पतिवार को संयुक्त रूप से एक ब्यान जारी करके कहा, ‘‘बिहार में देश में सबसे ज्यादा युवा हैं और यहां बेरोजगारी की दर सबसे ज्यादा है। केंद्र और बिहार सरकार द्वारा छात्रों को ठगा जा रहा है। सरकारें उनके लिए नौकरियों का वादा करती रहती है, लेकिन जब वे नौकरी की मांग को लेकर सड़कों पर उतरते हैं तो नीतीश कुमार सरकार उन पर लाठियां बरसाती है।''
आइसा के महासचिव और विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा में अनियमितताओं की जांच के लिए रेल मंत्रालय द्वारा गठित समिति उत्तरप्रदेश में चुनाव तक मामले को स्थगित करने की एक ‘‘साजिश'' है। उन्होंने दावा किया कि यह केंद्र सरकार का धोखा है। सौरभ ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बेरोजगार युवकों को नौकरी नहीं देना चाहती।
राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को आश्वासन दिया कि ग्रुप-डी की दो की बजाय एक परीक्षा होगी और एनटीपीसी की परीक्षा के 3.5 लाख अतिरिक्त परिणाम ‘‘वन कैंडीडेट-वन रिजल्ट'' के आधार पर घोषित किए जाएंगे। सुशील ने बयान जारी कर बताया कि रेलमंत्री ने उनको भरोसा दिलाया कि सरकार छात्रों से सहमत है और उनकी मांग के अनुरूप ही निर्णय जल्द किया जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर कहा कि संविधान में हिंसा और तोडफोड़ का अधिकार किसी को नहीं। वैसे अब वक्त आ गया है जब सरकार रोजगार के विषय में बात करे, नहीं तो हालात इससे भी भयानक हो सकते हैं।