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पटना: राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन के आंकड़े का हवाला देकर बिहार सरकार नीति आयोग की रिपोर्ट पर सवाल उठा चुकी है। सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि राज्य पिछड़ा है, हम ये मानते हैं। इस लिए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री के बयान के 24 घंटे बाद ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस मुद्दे पर बयान दिया है। मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार ने कहा है कि बिहार विशेष कार्य करने वाला राज्य है। विशेष राज्य का दर्जा मिले या नहीं मिले कोई फर्क नहीं पड़ता है।

गौरतलब है कि सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दरबार के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए बोला कि नीति आयोग कहता है कि बिहार पिछड़ा राज्य है। इसी लिए हम भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं। सीएम ने कहा कि बिहार का क्षेत्रफल अन्य राज्यों में 12वें नंबर पर है। आबादी में पूरे देश में बिहार तीसरे नंबर पर है। मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य सबसे पीछे है इसलिए हमने राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन के आंकड़े का सहारा लेकर रिपोर्ट भेजी है।

अगर नीति आयोग ये कहता है कि बिहार पिछड़ा है तो पिछड़े को आगे बढ़ाया जाना चाहिए।

बिहार विकसित राज्यों के साथ मिला रहा कदम

श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार ने मंगलवार को कहा कि बिहार विशेष कार्य करने वाला राज्य है। पिछले 15 वर्षों में 35 नए इजीनियरिंग कालेज, 10 से अधिक मेडिकल कालेज, 18 पालिटेक्निक, 100 से अधिक आइआइटी राज्य में खोली गई है। उन्होंने कहा कि राज्य विकास की नई लकीर खींच रहा है। बिहार अन्य राज्यों के साथ कदम से कदम मिला रहा है। मंत्री ने कहा कि 15 साल में बिहार में हुए कार्यों की प्रशंसा दूसरे राज्य भी कर रहे हैं। जीवेश ने कहा कि केंद्र सरकार समय-समय पर स्पेशल पैकेज देती है। ऐसे में बिहार की तुलना अन्य विकसित राज्यों के साथ की जाती है। मंत्री ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले या नहीं मिले इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

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