नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद जहां एक तरफ राज्य की कमलनाथ सरकार के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। हमारी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।” इससे पहले, मध्य प्रदेश कांग्रेस की मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा विधायक दलों की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, “निर्दलीयों समेत सभी कांग्रेस के विधायक मौजूद थे। हमारे पास नंबर है और हम एक साथ लड़ेंगे।”
शोभा ओझा ने आगे कहा, “विधायकों से यह कहा गया था कि सिंधिया जी राज्य सभा सीट की मांग कर रहे हैं, इसलिए साथ आने की आवश्यकता है। लेकिन, जब उनकी (ज्योतिरादित्य सिंधिया) बात भाजपा के साथ शुरू हुई तो ये विधायक गुस्से में आ गए। वे सभी मुख्यमंत्री के साथ संपर्क में हैं। सरकार को कोई खतरा नहीं है। हम विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे।”
भाजपा ने विधायकों को राज्य के बाहर भेजा
भारतीय जनता पार्टी ने अपने विधायकों को बस से राज्य से बाहर भेज रही है।
विधायक विजय शाह ने कहा, “हम या तो बेंगलुरु या फिर दिल्ली जाएंगे।” गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से चल रहे राजनीतिक घमासान के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कांग्रेस छोड़ दी और उनके भाजपा में शामिल होने की संभावना है। साथ ही, पार्टी के 22 विधायकों के इस्तीफे से राज्य की कमलनाथ सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है।
कांग्रेस ने कहा- पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते सिंधिया को निकाला
हालांकि, कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते सिंधिया को निष्कासित किया गया है। मंगलवार सुबह जब पूरा देश होली का जश्न मना रहा था, तभी सिंधिया ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर मुलाकात की।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को नौ मार्च को लिखे इस्तीफा पत्र में सिंधिया ने कहा कि उनके लिये आगे बढ़ने का समय आ गया है क्योंकि इस पार्टी में रहते हुए वह देश के लोगों की सेवा करने में अक्षम हैं। कांग्रेस पार्टी ने कहा कि उनका पत्र सोनिया गांधी के आवास पर मंगलवार को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर मिला।