भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार ने बुधवार को भाजपा विधायक एवं खनन के बड़े कारोबारी संजय पाठक को स्वीकृत दो लौह अयस्क खदानों को बन्द करने के आदेश जारी कर दिेये हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पाठक पर आरोप है कि उसने कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश की कांग्रेस नीत सरकार को गिराने के लिए कुछ विधायकों को बहलाया फुसलाया और हरियाणा की एक होटल में ले जाने के लिए किये गये चार्टेड प्लेन एवं वहां ठहरने के लिए पैसे का बंदोबस्त किया।
संजय पाठक की खदानों को बंद करने के बारे में पूछे गये सवाल पर जबलपुर कलेक्टर भरत यादव ने कहा कि हां, मैंने मेसर्स निर्मला मिनरल्स को स्वीकृत सिहोरा में दो लौह अयस्क की खदानों को आज तुरंत बन्द करने के आदेश जारी कर दिये हैं। उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अनुपालन में जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील के ग्राम अगरिया खसरा नंबर 1093 और दुबियारा खसरा नंबर 628/1, पर मैसर्स निर्मला मिनरल्स को स्वीकृत लौह अयस्क की खदानों को पुनः बन्द करने के आदेश जारी कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि वनमंडलाधिकारी जबलपुर के सात जून 2019 के पत्र के अनुसार उक्त भूमियों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन मई 2019 को आदेश पारित कर खनन बंद करने के लिए निर्देशित किया है। उक्त आधार पर कलेक्टर जबलपुर द्वारा 10 जून 2019 को आदेश जारी कर खनन पर रोक लगा दी गई थी। पट्टेदार द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन पर तथा महाधिवक्ता से प्राप्त अभिमत के आधार पर कलेक्टर द्वारा अपने 18 अगस्त 2019 के आदेश से स्थगन आदेश जारी कर अपने 10 जून 2019 के पूर्व आदेश पर रोक लगा दी गई।
यादव ने अपने आदेश में कहा है कि लगभग 6 माह से भी अधिक समय व्यतीत होने के उपरांत भी पट्टेदार यह प्रमाणित करने में असफल रहा है कि उक्त भूमि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से प्रभावित नहीं होती हैं। अतः आज कलेक्टर द्वारा जारी स्थगन आदेश निरस्त कर खदान पुनः बंद करा दी है।
मालूम हो कि मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी मंगलवार-बुधवार की रात को आरोप लगाया था कि प्रदेश सरकार को गिराने के लिए भाजपा के कुछ नेता मध्यप्रदेश के आठ विधायकों को जबरन हरियाणा की एक होटल में ले गए। हालांकि, भाजपा ने इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।
मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में दो खाली हैं। इस प्रकार वर्तमान में प्रदेश में कुल 228 विधायक हैं, जिनमें से 114 कांग्रेस, 107 भाजपा, चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी एवं एक समाजवादी पार्टी का विधायक है। कांग्रेस सरकार को इन चारों निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ बसपा और सपा का समर्थन है।