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रतलाम: भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी प्रत्याशियों की सूची में नाम नहीं होने पर मध्यप्रदेश के रतलाम ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के विधायक मथुरालाल डामर ने नाराजगी जताई है। उन्होनें अपनी ही पार्टी पर आरोप लगाए हैं, उनका एक कथित वीडियो वायरल हो गया, जिसमें वे आरोप लगाते हुए नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। नाराज विधायक ने संवाददाताओं से कहा है कि पार्टी ने यदि किसी कार्यकर्ता को टिकट दिया होता, तो भी अलग बात थी, लेकिन एक शासकीय कर्मचारी को टिकट दिया जाना संदेह पैदा करता है। भाजपा के अधिकृत प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद रतलाम ग्रामीण से प्रत्याशी बनाए दिलीप मकवाना, विधायक मथुरालाल डामर से मिलने और उनका आशीवार्द लेने उनके घर गए थे। पार्टी निर्णय से नाराज ग्रामीण विधायक डामर ने भाजपा प्रत्याशी दिलीप मकवाना को घर के भीतर भी नहीं आने दिया।

खरीदा है टिकट

बताया जा रहा है कि नाराज विधायक ने मकवाना पर टिकट खरीदने का आरोप लगाया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

विधायक की नाराजगी सामने आते ही भाजपा का स्थानीय संगठन डैमेज कंट्रोल की कोशिशों में जुट गया। भाजपा जिलाध्यक्ष कान सिंह चौहान ने रतलाम ग्रामीण के असंतुष्ट नेताओं से मुलाकात कर उन्हे समझाने बुझाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि ग्रामीण विधायक की नाराजगी अब भी बरकरार है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने यदि किसी पाटीर् कार्यकतार् को टिकट दिया होता, तब भी वे इतना आक्रोशित नहीं होते, लेकिन पाटीर् ने एक शासकीय कर्मचारी को टिकट दे दिया। दिलीप मकवाना ने एक दिन पहले नौकरी से त्यागपत्र दिया और अगले दिन पार्टी ने उन्हे टिकट दे दिया। इससे चयन प्रक्रिया संदेह के घेरे में है। डामर ने कहा कि टिकट बेचे जाने की बात उन्होंने नहीं कही, बल्कि स्वयं दिलीप मकवाना ने लोगों से कहा कि उसने डेढ करोड रुपए खर्च कर टिकट प्राप्त किया है। डामर ने यह भी कहा कि वे संगठन के निर्देश पर काम करेंगे। हालांकि अब तक किसी वरिष्ठ नेता ने उनसे कोई चर्चा नहीं की है।

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