शिवपुरी: मध्य प्रदेश के शिवपुरी में सुल्तानगढ जलप्रताप पर अचानक बढे पानी के कारण लगभग जिंदा जाने फस गई है। इस सुल्तानगढ जलप्रताप के बीच एक चट्टान पर जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे लगभग 2 दर्जन लोगों को एक दर्शक की भाति पूरे ग्वालियर संभाग का प्रशासन देख रहा हैं। बाढ़ में फंसा ग्वालियर का युवक नितिन परिहार मोबाइल पर बात कर रहा है। उसने परिजनों को फोन करके बोला कि पानी बढ़ता जा रहा है। हम संभल नहीं पाएंगे। प्लीज कुछ करो, हमें बचा लो।
शिवपुरी और ग्वालियर के सीमा क्षेत्र स्थित सुल्तानगढ़ पोल पर पिकनिक मनाने आए 12 लोग अचानक पानी बढ़ने से 100 फीट ऊंचाई से नीचे गिर गए। घटना शाम 4 बजे के आसपास की है। 15 अगस्त का अवकाश होने के कारण यहां पर बड़ी संख्या में लोग पिकनिक मनाने एवं प्राकृतिक झरने में नहाने आए थे। इससे पूर्व 6 लोगों को हैलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर बचा लिया गया हैं। बाकी फंसे लोगो ने सोचा होगा के अब हमे बचाने हैलीकॉप्टर आता होगा, लेकिन हैलीकॉप्टर नही आया हैं बताया जा रहा है कि अंधेरा होने के कारण अब हैलीकॉप्टर नही आ सकता है।
जानकारी मिल रही है कि इस मौत से भयानक मंजर में एक चट्टान पर उक्त लोग 4 बजे से फसे हुए हैं। सबसे पहला रेसूक्यू लगभग 7 बजे किया गया था। अब शायद प्रशासन पानी घटने का इंतजार कर रहा हैं,अभी तक कोई रेसूक्यू की तैयारी प्रशसान की घटना स्थल पर दिख नही रही हैं। बस पूरा प्रशासन अब भगवान के भरोसे बैठा हैं कि कब पानी कम हो... अंधेरा हो जाने के बाद स्थितियां बिगड़ गईं थीं। समझ नहीं आ रहा था कि बाढ़ में फंसे हुए लोग सुरक्षित हैं या नहीं।
इसी बीच मोबाइल पर बाढ़ में फंसे कुछ लोगों से बात हुई। उन्होंने बताया कि हम ग्वालियर के रहने वाले हैं। 2 लोग बह गए हैं जबकि 5 अभी भी फंसे हुए हैं। कहा जा रहा है कि शेष फंसे हुए लोगों में कुछ ग्वालियर और कुछ शिवपुरी के निवासी हैं। ग्वालियर वार्ड 65 के पार्षद भूपेन्द्र सिंह कुशवाह के पास बाढ़ में फंसे हुए लोगों का फोन आया। उन्होंने बताया कि अभिषेक पुत्र गब्बर सिंह कुशवाह 18 साल एवं लोकेंद्र कुशवाह बाढ़ में बह गए। जबकि शंकर पुत्र करण सिंह, नितिन परिहार पुत्र दीपक परिहार कंपू, प्रशांत रामअवतार कुशवाह, रामलखन पुत्र मेहरबान, विशाल उर्फ छोटू चौहान, रामलखन का छोटा भाई फंसे हुए हैं।
बता दें कि जलप्रपात में अचानक जलस्तर बढ़ गया था जिससे किनारे चट्टान पर बैठे पर्यटकों को चारों तरफ से पानी ने घेर लिया। कुछ लोगों ने बचकर भागने की कोशिश की परंतु सुल्तानगढ़ में पानी का बहाव सामान्य दिनों में भी काफी ज्यादा होता है। बाढ़ के बहाव का सामना नहीं कर पाए. बताया जा रहा है कि करीब 17 लोग पानी में बह गए। प्रशासन स्थिति की गंभीरता को काफी देर बाद समझ पाया।