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ग्वालियर: फेसबुक पेज पर कॉल गर्ल भेजने का सौदा करने वाले एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ई-एस्कॉर्ट सर्विस नाम का फेसबुक पेज बनाकर अपना मोबाइल नंबर जारी करता था। जो लोग उस पर संपर्क करते, उन्हें वह कॉल गर्ल भेजने का झांसा देता और सौदा तय होने पर आधा पैसा एडवांस ई-वॉलेट में ट्रांसफर करा लेता था। इस तरह की मौखिक शिकायतें सामने आने के बाद राज्य साइबर सेल ने ग्राहक बनकर युवक को झांसी के काल्पी से गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया ठग अंकित द्विवेदी उर्फ सोनू खुद को पत्रकार बताकर पड़ोसियों पर रौब भी गांठता था।

ठगी के लिए उसने फेसबुक पर ग्वालियर, भोपाल, इंदौर और पटना के नाम से अलग-अलग पेज बनाए थे। पकड़ा गया ठग इतना शातिर है कि पिछले 4 साल में 200 से ज्यादा लोगों को कॉल गर्ल के नाम पर करीब 10 लाख रुपए ठग चुका है। एक बार कैश आने के बाद न तो कॉल गर्ल मिलती थी न ही कैश वापस होता था। पैसा खाते में आने के बाद वह अपना मोबाइल बंद कर लेता था। यह अब तक इसलिए नहीं पकड़ा गया क्योंकि कॉल गर्ल बुक करने वाले शर्मिंदगी के चलते ठगी की कहीं भी शिकायत नहीं करते थे।

सायबर पुलिस ने खुद इस तरह की वेबसाइट व पेज को जांच में लिया. तब यह खुलासा हुआ है।

आरोपी ने अपने मकान और लग्जरी कार में भी ठगी का पैसा इंवेस्ट किया है। एसपी सायबर सुधीर अग्रवाल ने बताया कि राज्य सायबर सेल मध्य प्रदेश से निर्देश मिले थे कि इंटरनेट पर एस्कोर्ट सर्विस के नाम से कई वेबसाइट व फेसबुक पेज ऑनलाइन अश्लीलता फैला रहे हैं। इन पर अंकुश लगाने के लिए तत्काल एक टीम गठित की गई।

आज से ढाई महीने पहले सायबर पुलिस की टीम ने इंटरनेंट पर ऑन लाइन सैक्स रैकेट चलाने वालों की खोजबीन शुरू की। इसी समय फेसबुक पर ई-एस्कोर्ट सर्विस के नाम से एक पेज सामने आया। इस पेज पर जब पुलिस की टीम ने क्लिक किया और आगे बड़े तो ऑनलाइन कॉल गर्ल उपलब्ध कराने के कुछ फीचर्स दिखे। टीम ने सावधानी से विदेशी कॉल गर्ल के लिए डील करना शुरू की। फेसबुक पर ही एक मोबाइल नंबर आया। जब टीम ने इस नंबर पर कॉल किया तो एक युवक ने बात की। उसके साथ लगातार बात हुई। उसी नंबर से वॉटसएप पर कुछ विदेशी कॉल गर्ल के फोटो आए। फोटो पसंद करने के बाद रेट तय हुई। इसके बाद ऑनलाइन सैक्स रैकेट चलाने वाले ने पैमेंट पहले डालने के लिए कहा। उसने ई-वॉलेट का एड्रेस नंबर दिया। इसमें तय डील के अनुसार कैश डालने के बाद उसने मोबाइल बंद कर लिया।

आरोपी ने अपना धंधा बढ़ाने के लिए पुलिस पर रौब जमाने के लिए पत्रकार होने का दावा किया था। वह एक समाचार पत्र की आईडी लेकर पुलिस से मिलता था। जिस कारण सभी उसे पत्रकार समझते थे। उसके घर से पुलिस को आईडी भी मिली है। आरोपी के मुताबिक उसके द्वारा ठगी के शिकार लोगों में कई होटल के मैनेजर, कई निजी कंपनियों के अधिकारी और व्यापारी हैं।

अंकित द्विवेदी सिर्फ बीए पास है। उसका कहना है कि उसने इंटरनेट पर एक दो ग्रुप ऐसे चलते देखे थे। इसके बाद उसके दिमाग में आइडिया आया और उसने फेसबुक पर कई पेज बना डाले। यदि आप फेसबुक या गूगल पर सर्च कर रहे हैं और ऐसी कोई वेबसाइट या फिर फेसबुक पेज बीच में आकर ब्लिंक करे तो उस पर क्लिक न करें। क्योंकि इस तरह की कई एस्कोर्ट सर्विस या अन्य सर्विस की वेबसाइट व फेसबुक पेज इंटरनेट पर आसानी से मिल जाते हैं और ठगी कर लेते हैं।

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