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भोपाल: मध्यप्रदेश के मंदसौर में छह जून को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी किसानों की सभा को संबोधित करेंगे, सभा में उन परिवारों को भी बुलाया है जिनके परिजनों की पुलिस फ़ायरिंग में मौत हुई थी। सारे परिवार आने के लिए राज़ी भी हो गए हैं। राहुल गांधी बुधवार को दोपहर एक से तीन बजे तक श्रद्धांजलि सभा में भाग लेंगे और पीड़ित परिवारों से मुलाक़ात करेंगे। हालांकि कांग्रेस इसे आधिकारिक तौर पर श्रद्धांजलि सभा नहीं बल्कि किसान समृद्धि का नाम दे रही है। पार्टी का दावा है कि रैली में दो लाख लोग जुटेंगे।

मंदसौर से लगभग 20 किलोमीटर दूर पिपलिया मंडी के रास्ते पोस्टरों से पटे हैं। कहीं नाम श्रद्धांजलि का तो कहीं समृद्धि सम्मेलन का। सभा में 6 जून 2017 को जिन किसानों की मौत हुई उनके परिजनों को शामिल होने का न्यौता भेजा गया है। कन्हैयालाल पाटीदार को भाई चौपाटी पर गोली लगी थी उनके भाई जगदीश पाटीदार ने बताया राहुल गांधी की तरफ से आज बुलावा आ गया। मीनाक्षीजी आ गईं। उन्होंने कहा आपको वीआईपी पास दिया जाएगा। स्टेज से अलग रखा है प्रोग्राम। कहा स्टेज से अलग वार्तालाप होगी।

मध्यप्रदेश में नवंबर में चुनाव हैं, ऐसे में कांग्रेस का लक्ष्य इस सभा को सफल बनाना है। वैसे वे इसे सियासी नहीं मान रहे। चार जून को मंदसौर पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह इसे चुनावी फसल काटना करार दे चुके हैं। मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी जीतू पटवारी ने कहा 'मैं समझता हूं जितनी जगह है, छोटी पड़ेगी। चप्पे-चप्पे पर किसान नजर आएंगे।' जब उनसे पूछा गया कि क्या वे स्पष्ट तौर पर कहेंगे कि रैली के कोई सियासी मायने नहीं हैं तब पटवारी ने कहा 'राजनीतिक दल कोई बात कहता है तो उसके मायने होते हैं। हमने किसानों के लिए बलिदान दिया है। जब बलिदानों की बात आएगा तो हम गाथा कहेंगे।'

वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 30 मई को मंदसौर में कहा था 'अब याद आया किसान, तब याद आया, चलो मंदसौर, मेरे बहनो और भाइयो, ये कांग्रेस प्रदेश को अराजकता की तरफ ले जाना चाहती है। मध्यप्रदेश को हिंसा की आग में झोंकना चाहती है। ये कांग्रेस मध्यप्रदेश में खून खराबा करवाना चाहती है। सावधान रहिए इस कांग्रेस से।'

राहुल की रैली में कानून व्यवस्था बनाए रखने के पुख्ता सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं। करीब 50 पुलिस अधिकारी, सुरक्षा बलों की पांच कम्पनियां, 600 अतिरिक्त जवानों की तैनाती है। हवाई पट्टी से सभा स्थल तक ड्रोन कैमरों से भी लगातार नज़र रखी जाएगी। मंदसौर एसपी मनोज सिंह ने कहा एसपीजी दो दिन पहले आ गई है। आईजीपी उज्जैन प्रभारी हैं. 40-50 एसपी-डीएसपी हैं और 600 जवान लगाए गए हैं।

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