इन्दौर: मध्यप्रदेश में किसान आन्दोलन के पहले दिन ही मालवा-निमाड अंचल में आन्दोलन बेअसर दिखा। शहरों में दूध भी बंटा और मंडियों में सब्जियों की आवक भी रही। कही किसी तरह की कोई तनाव की खबर नहीं है। पिछले साल तनाव का केन्द्र रहा मन्दौर-नीमच जिलों में भी आन्दोलन का असर नहीं दिखा है। हॉलकि जिला और पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। यह आन्दोलन 10 जून तक चलेगा। देश भर के किसान संगठनों ने राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के बैनर तले 1 जून से 10 जून तक गाँव बन्द आन्दोलन की घोषणा की थी।
इस घोषणा के तहत गाँव से न तो किसान शहर आयेगा न वहां से दूध और सब्जी आयेगी। तथा ना किसान शहर से कोई समान खरीदेगा। इस आन्दोलन की घोषना के बाद से ही मप्र सरकार सजग हो गयी थी। क्योंकि पिछली बार इस आन्दोलन ने मन्दसौर,नीमच,शाजपुर, उज्जैन,देवास,भोपाल आदि शहरों में उग्र रुप ले लिया था। इस दौरान पुलिस की गोली से छह किसानों की मौत हो गयी थी। प्रशासन को स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए कर्प्यू लगना पडा था। इस बार प्रशासन पहले से ही सर्तक हो गया था।
जिसके चलते किसान आन्दोलन के पहले दिन कही कोई अप्रिय घटना नही हुई। इन्दौर में सुबह से ही पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी लगातार ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर रहे थें। प्रशासन की मुस्तैदी की वजह से गाँव से शहर दूध भी आया और मंडी में सब्जी भी आयी। शहर में दूध भी रोज की तरह ही वितरित हुआ। हॉलकि की दो दिन पहले ही लोगों ने सब्जी और दूध का स्टॉक कर लिया था। मंडी में किसी तरह की कोई अव्यवस्था न हो इसलिए पुलिस बल तैनात थां।
वहीं संवेदनशील मंदसौर में किसान आंदोलन की घोषणा के बावजूद शुक्रवार सुबह नई आबादी स्थित गाड़ी अड्डा थोक सब्जी मंडी में नीलामी हुई और खेरची में सब्जियाँ बेची गयी। दूध की सप्लाई भी अन्य दिनों की तरह ही हुई। पुलिस हाईवे सहित शहर भर में चेक प्वाइंट और पेट्रोलिंग कर रही है। नीमच शहर में बंद का आंशिक असर दिखाई दिया। जीरन में कुछ गांव से आने वाले दूध की सप्लाई नहीं हो पाई। वहीं नीमच में राजस्थान और ग्रामीण इलाकों से सुबह दूध पहुंचा। वहीं सब्जी मंडी में भी सब्जी की खरीदी-बिक्री हुई।
रतलाम में भी बंद का कुछ खास असर दिखाई नहीं दे रहा है। आम दिनों की तरह ही दूध सब्जी और फल की की सुबह सप्लाई हुई। कुछ क्षेत्रों में सब्जी बेचने वाले नहीं पहुंचे। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस हर चौक पर तैनात है। इसके अलावा लगातार पेट्राेलिंग भी की जा रही है।
उज्जैन में छत्री चौक सब्जी मंडी, मक्सी रोड सब्जी मंडी सहित सभी जगह पर सब्जी की खरीदी-बिक्री की गई। सुबह दूध भी अन्य दिनों की तरह ही घरों तक पहुंचा। पुलिस एहतियात के तौर पर शहर में गश्त कर रही है। शाजापुर जिले में अब तक किसान आंदोलन का असर नहीं दिख रहा है। सब्जी मार्केट में सामान्य रूप से खरीदी और बिक्री चल रही है। गांव से दूध भी आम दिनों की तरह शहर पहुंचा। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी पूरे क्षेत्र में गंभीरता से नजर रखे हुए हैं। सभी थानाें के टीआई क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं।
खंडवा शहर में पर्याप्त मात्रा में ग्रामीण इलाकों से सब्जी और दूध की आवक हुई। किसान संगठनों ने किसानों से आह्वान किया कि वे सब्जी और दूध शहर लेकर नहीं जाएं। घर पर ही दही या घी बनाएं। वहीं खेत से सब्जी तोड़ने को लेकर भी मना किया है। खरगोन में आंदोलन को देखते हुए अलसुबह ही ग्रामीण सब्जी और दूध लेकर शहर पहुंच गए थे। जल्द बिक्री के बाद सब अपने-अपने गांव को लौट गए।
उधर, कसरावद के खामखेड़ा में डेयरी से दूध की बिक्री नहीं हुई। पुलिस पूरे क्षेत्र पर नजर रखे हुए है। बड़वानी शहर में बंद का आंशिक असर दिखाई दे रहा है। कई इलाकों में सब्जी और दूध की सप्लाई नहीं हुई। हालांकि बाजार में दूध और सब्जी काफी मात्रा में उपलब्ध है। पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात है। दूध और सब्जी वालों को बिना डरे बिक्री के लिए कहा गया है।
20 जोन में बंटा मंदसौर, हाईवे को 10 सेक्टर में बांटकर फोर्स की तैनाती
आईजी इंटेलिजेंस मकरंद देउस्कर के मुताबिक, मंदसौर पुलिस ने 20 जोन में शहर को बांट दिया है।. 100 जगह कैमरे लगाए गए हैं। मंदसौर, रतलाम, नीमच को जोड़ने वाले हाईवे को 10 सेक्टर में बांटकर फोर्स तैनात किया गया है। इंटेलीजेंस को ऐसे इनपुट मिले हैं कि आंदोलन के दौरान 6 जून को मंदसौर में तोड़फोड़ की आशंका है। इसके लिए पुलिस ने प्रदेश की सीमाओं पर चेकिंग पाइंट लगा दिए है। चेकिंग पाइंट पर प्रदेश में प्रवेश करने वाले किसानों पर नजर रखी जाएगी। स्टेट और नेशनल हाईवे पर पेट्रोलिंग होगी और मॉनिटरिंग की जाएगी। उधर, किसान कांग्रेस कमेटी कर्ज के कारण आत्महत्या करने वाले किसानों के खेत की मिट्टी कलश यात्रा निकाली है। जो रतलाम से घुमते हुए 6 जून को मंदसौर पहुंचेगी।