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यवतमाल (महाराष्ट्र): राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने यहां कहा कि किसी को धर्म को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि वह राष्ट्र का आधार है। जनसंघ नेता दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में भागवत ने यह बात कही। इस मौके पर केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर भी मौजूद थे। भागवत ने कहा, ‘किसी को अपने धर्म को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह राष्ट्र का आधार है और देश परिवार के सिद्धांत पर चलता है तथा भारत में परिवार की संकल्पना अनूठी है।’ उन्होंने कहा कि भारतीय दर्शन और संस्कृति देश की बहुलता में एकता पर बहुत कुछ कहती हैं। उन्होंने कहा कि हजारों वर्ष पहले भारत दुनिया के सर्वश्रेष्ठ देशों में से था, लेकिन विदेशी शासनों के कारण वह निचले पायदान पर पहुंच गया। किसानों के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि उपाध्याय ने रासायनिक उर्वर्रकों के प्रयोग के खिलाफ सरकार को चेताया था और जैविक खाद के प्रयोग को बढ़ावा देने को कहा था। विदर्भ में किसानों की आत्महत्या पर चिंता जताते हुए भागवत ने कहा कि किसानों को उनके उत्पादों का समुचित मूल्य मिलना चाहिए और उन्हें ऐसी तकनीकों का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए जो मानवता और प्रकृति के लिए हानिकारक नहीं हैं।

उन्होंने कहा, ‘पंडित दीनदयाल त्यागी प्रवृति के व्यक्ति थे, जिन्होंने अपना जीवन समाज के सबसे निचले व्यक्ति की सेवा में अर्पित कर दिया क्योंकि उसके विकास के बिना किसी को भी विकास बताने का दावा नहीं किया जा सकता।’

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