मुंबई: एक विशेष महिला अदालत ने आज नर्स प्रीति राठी पर 2013 में किए गए तेजाब हमले के मामले में 26 वर्षीय अंकुर लाल पंवार को मौत की सजा सुनाई। अंदरूनी रूप से जख्मी होने के बाद कई अंगों के काम करना बंद करने के कारण राठी की मौत हो गई थी। विशेष न्यायाधीश ए एस शेंदे ने दोषी को मौत की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष ने एक दिन पहले दोषी को कठोर से कठोर सजा देने की मांग की थी। अभियोजन पक्ष ने कहा था कि तेजाब हमला महिलाओं के खिलाफ अपराध है और पंवार ने आवेग में आकर यह अपराध नहीं किया था बल्कि यह सुनियोजित हमला था। विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम ने कल मामले को मौत की सजा देने के लिए उपयुक्त बताया था। उन्होंने कहा था कि मामला दुर्लभतम से दुर्लभ मामले की श्रेणी में आता है जबकि पंवार की वकील अपेक्षा वोरा ने अपने मुवक्किल पर रहम किए जाने की मांग की थी। उन्होंने दोषी की कम आयु और अपने परिवार के लिए रोजी-रोटी कमाने वाला एकमात्र व्यक्ति होने का हवाला दिया था। निकम ने कहा था, ‘अगर उसे कम सजा दी गई और अगर उसे सजा पूरी करने के बाद रिहा किया जाता है तो अन्य लड़कियां सुरक्षित नहीं होंगी।’ निकम ने कहा था कि सजा देने का उद्देश्य अपराधियों और उसकी तरह के लोगों को इस तरह का अपराध करने से रोकना है। उन्होंने दावा किया था, ‘अगर उचित सजा नहीं दी जाती है तो अदालत अपने कर्तव्य में विफल होगी।’ पंवार 2013 में दिल्ली निवासी प्रीति राठी की उसपर तेजाब फेंककर हत्या करने का दोषी है।
उसे नर्स से कथित तौर पर ईष्र्या थी, जो यहां रक्षा अस्पताल में कॅरियर बनाने मुंबई आई थी। मंगलवार को पंवार को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और धारा 326 बी (स्वेच्छा से तेजाब फेंकने) का दोषी ठहराया गया था।राठी की आयु उस वक्त महज 24 साल थी। उसपर तेजाब फेंके जाने के बाद स्वास्थ्य संबंधी गंभीर मुद्दे विकसित होने के बाद अनेक अंगों के काम करना बंद करने के बाद राठी की मृत्यु हो गई थी। पंवार ने राठी पर दो मई 2013 को यहां बांद्रा रेलवे स्टेशन पर तेजाब फेंका था। राठी की एक जून 2013 को यहां के एक निजी अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। वह मुंबई में रक्षा अस्पताल में नर्स के रूप में जॉइन करने आई थी।पंवार दिल्ली में भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड कॉलोनी में राठी का पड़ोसी था।