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नई दिल्लीः महाराष्ट्र की सियासत में अब एनसीपी में अजित पवार की बगावत के बाद पार्टी पर दावेदारी को लेकर घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं। एनसीपी चीफ शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने रविवार को महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शामिल होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में विभाजन कर दिया। इससे बाद 24 साल पहले शरद पवार द्वारा स्थापित पार्टी संकट में पड़ गई। सोमवार को शरद पवार ने सांसद प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को पार्टी से बाहर कर दिया। शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए चिट्‌ठी लिखी थी। इस एलान के तुरंत बाद अजित पवार ने भी पार्टी की नई टीम की घोषणा कर दी। उन्होंने सांसद सुनील तटकरे को महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।

महाराष्ट्र में सियासी संकट के जुड़ा ताज़ा घटनाक्रमः

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने प्रफुल्ल पटेल को एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष पद से हटा दिया है। सुनील तटकरे को भी पार्टी से निकाल दिया गया है।

इसके बाद प्रफुल्ल पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और महाराष्ट्र एनसीपी अध्यक्ष पद से जयंत पाटिल को हटा दिया।

अजित पवार गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल ने इसके साथ ही एनसीपी पर दावा ठोंक दिया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि बतौर प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ही अब महाराष्ट्र में नियुक्ति करेंगे। किसी भी विधायक को अयोग्य ठहराने का फैसला पार्टी या फिर चुनाव आयोग नहीं कर सकता। यह काम सिर्फ विधानसभा स्पीकर कर सकता है।

प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि शरद पवार के फैसले एनसीपी के फैसले नहीं है। उन पर गौर नहीं किया जाएगा। अजित पवार एनसीपी के विधिमंडल के नेता रहेंगे। उन्हें आधिकारिक तौर पर चुना गया है। हम उनसे (शरद पवार) हाथ जोड़कर अनुरोध करते हैं कि वह हमें अपना आशीर्वाद दें क्योंकि वह हमारे गुरु हैं।

एनसीपी में बगावत के बीच शरद पवार ने सातारा के कराड में अपने गुरु पूर्व सीएम यशवंत राव चाव्हाण की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की और नई शुरुआत का संकल्प लिया। इस मौके पर पार्टी ने अजित पवार के साथ गए सभी विधायकों को अयोग्य घोषित करने का प्रस्ताव पास किया।

शरद पवार से बगावत करने वाले एनसीपी विधायकों से मुलाकात करने के बाद अजित पवार, देवेंद्र फडणवीस के घर पहुंचे। बताया जा रहा है कि अजित पवार के घर पर पॉवर शेयरिंग को लेकर विधायकों के बीच बातचीत हुई। इसके बाद अजित पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और नई टीम का एलान किया। अजित पवार ने सुनील तटकरे को महाराष्ट्र एनसीपी का अध्यक्ष बना दिया।

एनसीपी ने अजित पवार के शपथ समारोह में भाग लेने गए तीन नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया। इन तीन नेताओं में पार्टी के क्षेत्रीय महासचिव शिवाजी राव गर्जे, अकोला शहर जिलाध्यक्ष विजय देशमुख और मुंबई डिवीजन के कार्यकारी अध्यक्ष नरेंद्र राणे शामिल हैं।

अजित पवार और 8 अन्य विधायकों के बगावत के बाद एनसीपी ने सभी बागियों को डिस्क्वालिफाई करने के लिए विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर और चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि पार्टी की कमान शरद पवार के पास है। अजित की पार्टी पर दावे से जुड़ी कोई भी अपील पर कार्रवाई करने से पहले उनके पक्ष को भी सुनें।

एनसीपी में टूट के अगले दिन सोमवार को नेता विपक्ष के पद पर कांग्रेस ने अपना दावा पेश कर दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट का कहना है कि नेता विपक्ष कांग्रेस की तरफ से ही होना चाहिए। इस मुद्दे पर कांग्रेस की एक बैठक भी होने वाली है।

इस बीच पार्टी ने जितेंद्र आव्हाड को विधानसभा में विपक्ष का नेता और मुख्य सचेतक (चीफ व्हिप) नियुक्त किया है। इससे पहले अजित पवार के पास ये जिम्मेदारी थी।

पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी सोमवार को मातोश्री में पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ बैठक कर रणनीति पर चर्चा करेंगे। संजय राउत ने कहा कि अजित पवार का कैबिनेट में आने का मतलब है एकनाथ शिंदे जा रहे हैं। वे अब सीएम नहीं रहेंगे।

वहीं, एनसीपी में दरार के बाद सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और ममता बनर्जी ने शरद पवार को फोन कर समर्थन जताया है।

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