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मुंबई: महाराष्ट्र में 'महा विकास आघाड़ी' गठबंधन के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं। हाल के दिनों में विनायक दामोदर सावरकर, पीएम मोदी की डिग्री, और जेपीसी जांच की मांग को लेकर गठबंधन के तीनों दलों कांग्रेस, एनसीपी और उद्धव ठाकरे गुट के अलग-अलग राय है। इस बीच मंगलवार शाम उद्धव ठाकरे ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से उनके घर जाकर मुलाकात की। बाद में शरद पवार ने मीडिया के सामने आकर कहा कि गठबंधन में 'सबकुछ ठीक' है।

उद्धव ठाकरे से मीटिंग के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, 'कुछ मुद्दों पर अलग राय हो, तब भी महा विकास आघाड़ी के गठबंधन को एकसाथ काम करते रहना चाहिए। आने वाले दिनों में कुछ कार्यक्रम होंगे। उसमें हर कोई सहभागी होगा। मीटिंग में इसपर भी चर्चा हुई है।'

वहीं, शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे के संजय राउत ने कहा, 'हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है। मंगलवार को उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने मीटिंग की है। मीटिंग लगभग डेढ़ घंटे चली। महा विकास आघाड़ी के भविष्य के बारे में चर्चा हुई है। वहीं, बीजेपी जिस तरह से विपक्ष को ब्लैकमेल कर रही है, इस बारे में भी चर्चा हुई है।'

अजित पवार ने उठाए सवाल

विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री पर सवाल किए जाने के बीच एनसीपी नेता अजित पवार ने इस मुद्दे को बेबुनियाद बताया। इसके बाद विपक्षी एकता पर सवाल उठे थे। वहीं, अब नवी मुंबई के एपीएमसी में बीजेपी और एनसीपी के कार्यकर्ताओं के साथ आने पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई, तो अजित पवार ने महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को मीडिया में बयानबाजी से बचने की सलाह दी।

ऐसे मुद्दों पर अघाड़ी के नेताओं से करनी चाहिए बात

अजित पवार ने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ऐसे क्यों बयान देते हैं, यह हमें नहीं पता। हमें भी कई जानकारी मिलती हैं और हम भी उसपर बात कर सकते हैं, लेकिन इसका असर महा विकास आघाड़ी पर पड़ेगा। कुछ मुद्दों पर मीडिया से बात करने के बजाय महा विकास आघाड़ी के नेताओं से बात करके समाधान निकालना चाहिए।

शिवसेना बोली- एमवीए में गड़बड़

उधर, उद्धव ठाकरे और शरद पवार के बीच हुई बैठक पर शिवसेना के नेताओं ने कटाक्ष करते हुए दावा किया कि महा विकास आघाड़ी में काफी गड़बड़ी चल रही है। शिवसेना के प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने कहा, 'जो बैठक हुई, उसमें अजित पवार मौजूद नहीं थे। सुबह जो लोग मातोश्री पर स्वाभिमान की बात करते हैं, वो शाम को सिल्वर ओक आकर नतमस्तक हो रहे हैं। ऐसे लोगों के कारण शिवसैनिकों को शर्म आती है।'

जिस शरद पवार और एनसीपी को महा विकास आघाड़ी के निर्माण के लिए जिम्मेदार बताया जाता है। अब उन्हीं के वजह से महा विकास आघाड़ी के भविष्य पर सवाल उठते दिख रहे हैं। एक साथ मंच साझा करने के बावजूद ऐसे कई मुद्दे हैं, जिसे लेकर फिलहाल इस गठबंधन के बीच मतभेद नज़र आते हैं।

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