मुंबई: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि जाति, वर्ण और संप्रदाय पंडितों के द्वारा बनाए गए थे। उन्होंने कहा, "जब हम आजीविका कमाते हैं तो समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी होती है। जब हर काम समाज के लिए होता है तो कोई भी काम छोटा या बड़ा कैसे हो सकता है। भगवान ने हमेशा कहा है कि हर कोई उनके लिए समान है और कोई जाति या वर्ण नहीं है, उसके लिए संप्रदाय नहीं है, यह पंडितों द्वारा बनाई गई थी जो गलत है।"
मोहन भागवत ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि हमारे समाज के बंटवारे का फायदा दूसरों ने उठाया। इसीलिए देश पर आक्रमण हुए। यहां तक कि इसीलिए बाहरी देश से आए लोगों ने हमारे देश पर राज भी किया। उन्होंने आगे कहा कि हमारे समाज के बंटवारे का फायदा दूसरों ने उठाया। नहीं तो किसी को हमारी तरफ आंख उठाकर देखने की हिम्मत नहीं पड़ती। मोहन भागवत ने हिंदू समाज से सवाल किया कि क्या हिंदू समाज को देश में नष्ट होने का भय दिख रहा है क्या ? यह बात आपको कोई ब्राह्मण नहीं बता सकता। आपको स्वयं समझना होगा।
संत शिरोमणि रोहिदास जयंती के अवसर पर मुंबई में एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि संत रोहिदास ने कहा कर्म करो, धर्म के अनुसार कर्म करो। पूरे समाज को जोड़ो, समाज की उन्नति के लिए काम करना यही धर्म है। सिर्फ अपने बारे में सोचना और पेट भरना ही धर्म नहीं है और यही वजह है कि समाज के बड़े-बड़े लोग संत रोहिदास के भक्त बनें।
उन्होंने कहा कि काशी का मंदिर टूटने के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज ने औरंगजेब को खत लिखकर कहा था कि 'हिंदू-मुसलमान सब एक ही ईश्वर के बच्चे हैं। आपके राज में एक के ऊपर अत्याचार हो रहा है, वह गलत है। सब का सम्मान करना आपका कर्तव्य है।अगर यह नहीं रुका तो तलवार से इसका जवाब दूंगा।'