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मुंबई: बंबई हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से राज्य में मुर्गों की लड़ाई पर रोक लगाने को कहा है और इस तरह के आयोजन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है जो प्रथमदृष्टया गैरकानूनी हैं। न्यायमूर्ति एस एस केमकर और न्यायमूर्ति एम एस कर्णिक की पीठ ने राज्य सरकार से मुर्गों की लड़ाई रोककर पशु क्रूरता रोकथाम कानून को सख्ती से लागू करने को कहा। पीठ ने बुधवार को पशु प्रेमी एन जी जयसिम्हा की जनहित याचिका का निस्तारण किया जिन्होंने उल्हासनगर के पास एक गांव में कुछ समय पहले हुई मुर्गों की लड़ाई के खिलाफ उच्च न्यायालय का रख किया था। याचिका में कहा गया था कि पशु क्रूरता रोकथाम कानून का उचित तरीके से पालन होना चाहिए और लोगों को इसके प्रावधानों के बारे में जागरक किया जाएा ताकि पशुओं के खिलाफ क्रूरता को रोका जा सके। इसमें कहा गया कि मुर्गों की लड़ाई से इन पक्षियों को नुकसान होता है और इसलिए इनका आयोजन नहीं होना चाहिए।

इसमें अदालत से सरकार को इस चलन को समाप्त करने का अनुरोध किया गया।

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