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मुंबई: मुंबई के हाजी अली दरगाह के अंदरुनी हिस्से में स्थित मुख्‍य मजार तक महिलाओं ने मंगलवार को पांच साल के बाद पहली बार प्रवेश किया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद महिलाएं आज दरगाह के मुख्‍य मजार तक गईं। 80 महिलाओं ने आज मजार पर चादरें भी चढ़ाईं। साल 2011 के बाद से मजार तक महिलाओं के जाने पर पाबंदी थी। महिलाओं की एंट्री बैन पर महिला संगठनों ने कोर्ट से गुहार लगाई थी, जिसके बाद अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने पुरुषों की तरह महिलाओं को जाने की इजाजत देने का फैसला सुनाया था। दरगाह में जियारात कर लौटी भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन से जुड़ी महिलाओं ने कहा कि हमने बड़ी जीत हासिल की है। महिलाओं को आराम से मजार में जाने दिया गया और आगे भी हम यहां आएंगे। दरगाह ट्रस्‍ट के नए नियम के अनुसार, अब सभी प्रवेशार्थियों को मजार से दो मीटर दूरी पर ही रुकना होगा और दूर से इबादत करनी होगी। नई व्यवस्था के तहत ट्रस्ट ने दरगाह में प्रवेश के लिए महिलाओं और पुरुषों के अलग रास्ते बनाए हैं साथ ही अब कोई भी मजार को छू नहीं सकेगा। लंबी कानूनी कार्यवाही के बाद आखिरकार वह ऐतिहासिक दिन दिन आ गया जब महिलाएं अपनी मुराद लेकर हाजी अली की मुख्‍य मजार के पास पहुंचीं। दरगाह में प्रवेश पर रोक के खिलाफ याचिका दायर की गई थी जिस पर सुनवाई के बाद अक्‍टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने दरगाह में मजार के पास तक महिलाओं को जाने की अनुमति देने के आदेश दिए थे। दरगाह ट्रस्‍ट इसके लिए राजी हो गया था और कुछ वक्‍त की मोहलत मांगी थी ताकि इसके लिए जरूरी इंतजाम किए जा सकें।

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