मुंबई: रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज (सोमवार) कहा कि नियंत्रण रेखा के पार हालिया लक्षित हमलों ने एक संदेश दिया है कि सरकार आक्रामक नहीं होगी, लेकिन साथ ही चीजों को हल्के में भी नहीं लेगी । पर्रिकर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘लक्षित हमलों से एक संदेश गया है कि सरकार आक्रामक नहीं होगी, लेकिन चीजों को हल्के में भी नहीं लेगी ।’ उनसे सितंबर में आतंकी शिविरों के खिलाफ सेना की कार्रवाई और सीमा पार से संघषर्विराम उल्लंघन की घटनाओं में हालिया वृद्धि के बारे में पूछा गया था । वह आज यहां नए युद्धपोत ‘आईएनएस चेन्नई’ के जलावतरण के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे । पोत और मिसाइल निर्माण प्रौद्योगिकी के बढ़ते स्वदेशीकरण के बारे में पूछे जाने पर रक्षमंत्री ने कहा, ‘हम प्रौद्योगिकी का कम से कम 75 प्रतिशत स्वदेशीकरण चाहते हैं । किसी को भी यह नहीं भूलना चाहिए कि इस तरह की प्रौद्योगिकी का विश्व में कहीं भी 100 प्रतिशत स्वदेशीकरण नहीं है ।’ पर्रिकर ने यह भी कहा कि लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए गति बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘अधिकतर रक्षा परियोजनाएं कारगर कर दी गई हैं और उनके शुरू तथा पूरा होने की प्रतीक्षा अवधि में नाटकीय रूप से कमी आई है । हमें परियोजनाओं पर और गति बढ़ाने तथा ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है जिससे हम लंबित परियोजनाओं को पूरा कर पाएंगे ।
विभिन्न विभागों के मिलकर काम करने से इसे हासिल करने में मदद मिली है ।’’ इससे पहले पर्रिकर ने कोलकाता श्रेणी के देश में निर्मित तीसरी पीढ़ी के गाइडेड मिसाइल विध्वंसक ‘आईएनएस चेन्नई’ का जलावतरण किया । मुंबई स्थित मजगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में निर्मित पोत के निर्माण के साथ ही कोलकाता श्रेणी के गाइडेड मिसाइल विध्वंसक बनाने से संबंधित परियोजना 15 ए भी पूरी हो गई ।