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जयपुर: केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन ने राजस्‍थान में भी जोर पकड़ लिया है, जहां अनेक जगह पर किसानों ने शनिवार को राजमार्ग पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया। इस बीच एनडीए की घटक राष्‍ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के संयोजक और सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगर किसानों की इतनी ही चिंता है तो वह स्‍वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करें। उन्होंने कहा कि पता नहीं किसने मसौदा तैयार किया है। बस विधेयक पारित कराके चल दिए।

आरएलपी की ओर से कोटपूतली में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए बेनीवाल ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने ये कानून लाते समय किसी से चर्चा नहीं की। उन्‍होंने कहा, ''जब तीनों विधेयक लाए गए तो किसी से बात नहीं की गयी। हम भी एनडीए का हिस्सा हैं, हम भी किसान के बेटे हैं, हमसे भी बात करते कि किसानों के लिए ऐसा विधेयक ला रहे हैं। पता नहीं किसने विधेयक का मसौदा बनाया ... लाकर रख दिया और हां पक्ष जीता, हां पक्ष जीता .. विधेयक पारित कराके चल दिए।''

 

बेनीवाल ने कहा, ''इससे तो आपका भला नहीं होने वाला। अगर प्रधानमंत्री को किसान की इतनी ही चिंता है तो देश में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करें।'' उन्होंने कहा कि ये तीनों विधेयक किसान विरोधी हैं सरकार को चाहिए कि वह एक नया कानून बनाए जिससे किसान का भला हो। अगर केंद्र सरकार अभी स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की स्थित में नहीं है तो वह समर्थन मूल्य की गारंटी दे।

इसके बाद बेनीवाल ने अपने समर्थकों के साथ राजस्‍थान-दिल्‍ली सीमा की ओर कूच करने की घोषणा की। वहीं, शनिवार को राज्‍य में कोटा, गंगानगर, भरतपुर, हनुमानगढ़ व अलवर सहित अनेक जिलों में किसानों ने प्रदर्शन किया। अनेक राजमार्गों टोल नाकों को बंद करवा दिया गया और वाहनों की आवाजाही नि:शुल्‍क कराई गई। मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों से अपील की कि वे आंदोलन के दौरान शांति बनाए रखें। गहलोत ने ट्वीट किया, दिल्ली-जयपुर राजमार्ग पर भी किसान लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांगें केंद्र के सामने रखें और शांति बनाए रखें। वहीं, पूर्व उप-मुख्‍यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार को अपनी हठधर्मिता त्यागकर किसानों की मांगों को जल्द पूर्ण करना चाहिए।

पायलट ने ट्वीट किया, ''हमारे अन्नदाता पिछले 17 दिन से अपने घर-परिवार व भूमि से दूर इस कोरोना संकट एवं कड़कड़ाती सर्दी में अपने अधिकारों की रक्षा के लिए केंद्र सरकार की निरंकुशता के खिलाफ सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं। भाजपा सरकार को अपनी हठधर्मिता त्यागकर किसानों की मांगों को जल्द पूर्ण करना चाहिए।'' उधर, भाजपा के प्रदेशाध्‍यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार के तीनों कृषि कानून किसानों के हित में हैं। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों से किसानों की तरक्की के रास्ते खुलेंगे, भाजपा कृषि कानूनों को लेकर देशभर में किसानों से संवाद कर जन-जागरूकता अभियान चला रही है।

 

 

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