ताज़ा खबरें
संभल हिंसा: सपा सांसद बर्क और पार्टी विधायक के बेटे पर मुकदमा
संसद में अडानी के मुद्दे पर हंगामा, राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित
संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा:अब तक 4 लोगों की मौत
निज्जर हत्याकांड: कनाडा में चार भारतीयों के खिलाफ सीधे होगा ट्रायल
हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

नई दिल्ली: कोलकाता और प्रयागराज के बाद अब संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ कोटा में भी दिल्ली के शाहीन बाग जैसा विरोध प्रदर्शन हो रहा है। कोटा में अलग-अलग इलाकों की कई सौ महिलाओं ने ईदगाह मैदान के बाहर सीएए के खिलाफ मंगलवार रात से विरोध प्रदर्शन शुरू किया। प्रदर्शन में शामिल एक महिला शिफा खालिद ने कहा कि जब देशभर में महिलाएं सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं, तो आखिरकार कोटा की महिलाएं पीछे क्यों रहतीं? यह नया कानून संविधान के खिलाफ है।

उन्होंने कहा, 'हम अनिश्चितकाल के लिए बैठे हैं। कोटा में महिलाओं का प्रदर्शन शाहीन बाग के प्रदर्शन से प्रेरित है।' खालिद ने कहा कि महिलाओं को पड़ोस से खाना और कंबल मिल रहा है क्योंकि ज्यादातर महिलाएं आयोजन स्थल के करीब किशोरपुरा इलाके की हैं। विज्ञान नगर, वक्फ नगर और किशोरपुरा जैसे इलाकों के सभी आयु वर्ग की महिलाएं मंगलवार रात से ही प्रदर्शन के लिए बैठी हैं। 75 वर्षीय मकबूल ने कहा कि मैं धरने पर इसलिए बैठी हूं क्योंकि सरकार नागरिकता साबित करने लिए डॉक्यूमेंट्स चाहती है।

 

39 वर्षीय शबाना फरहत प्रदर्शन में शामिल होने के लिए नौ किलोमीटर दूर से आई हैं। सर्दी के बावजूद भी उन्होंने प्रदर्शन में पूरी रात बिताई। उन्होंने कहा कि कई महिलाएं प्रदर्शन के बीच से घर जाती हैं और कामकाज निपटाकर फिर से वापस आ जाती हैं।

गौरतलब है कि दिल्ली के शाहीन बाग से महीनेभर से ज्यादा समय से सीएए के खिलाफ महिलाओं का विरोध प्रदर्शन जारी है। शाहीन बाग इलाके में कई महिलाएं एनआरसी और सीएए को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख