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जोधपुर: राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने न्‍याय को सर्व-सुलभ बनाये जाने की आवश्‍यकता पर जोर दिया है। आज जोधपुर में राजस्‍थान उच्‍च न्‍यायालय के नये भवन के उद्घाटन समारोह में कोविंद ने कानूनी बिरादरी के लोगों से आग्रह किया कि वे लोगों को जल्‍द से जल्‍द न्‍याय उपलब्‍ध कराने के लिए कार्य करे। उन्‍होंने समाज के जरूरतमंद और उपेक्षित लोगों को मुफ्त कानूनी सेवाएं उपलब्‍ध कराने की आवश्‍यकता पर भी जोर दिया। महंगी कानूनी सेवाओं पर चिंता व्‍यक्‍त करते हुए राष्‍ट्रपति ने कहा कि आम आदमी को न्‍याय दिलाने में टेक्‍नॉलोजी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। कोविंद ने यह भी कहा कि अदालतों के फैसले स्‍थानीय भाषा में उपलब्‍ध कराये जाने चाहिए ताकि हर कोई उन्‍हें समझ सके। उन्‍होंने उच्‍चतम न्‍यायलय के आदेशों को 9 भाषाओं में उपलब्‍ध कराने के न्‍यायालय के प्रयासों की सराहना की।

समारोह में अपने भाषण में भारत के प्रधान न्‍यायधीश न्‍यायमूर्ति एस.ए. बोब्डे ने कहा कि आपराधिक न्‍याय प्रणाली के अंतर्गत मामलों को निपटाने में लगने वाले लंबे समय पर पुर्नविचार किया जाना चाहिए।

उन्‍होंने कहा कि न्‍याय उपलब्‍ध कराने में बदले की भावना नहीं होनी चाहिए क्‍योंकि ऐसा होने पर न्‍याय अपना स्‍वरूप खो देता है। प्रधान न्‍यायधीश ने कहा कि सभी जिलों की सभी अदालतों में मुकदमेबाजी से पहले मध्‍यस्‍ता के जरिये विवादों के समाधान की अनिवार्य व्‍यवस्‍था करने की आवश्‍यकता है।

समारोह को संबोधित करते हुए केन्‍द्रीय विधि और न्‍याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार ने जघन्‍य अपराधों को शीघ्रता से निपटाने के लिए देश में 704 फास्‍ट ट्रैक अदालतें गठित की हैं। यौन अपराधों से बच्‍चों के संरक्षण के कानून पोक्‍सो के तहत एक हजार 130 फास्‍ट ट्रैक अदालतें जल्‍द ही बना दी जायेंगी।

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