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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): देश में इस वक्त 18वीं लोकसभा के चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। अब तक लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया के चार चरण पूरे हो चुके हैं। बाकी तीन चरणों के लिए मतदान 20 मई से 1 जून के बीच कराए जाएंगे। छठे दौर के नामांकन की सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। इस बीच, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने छठे चरण में चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया है। इस चरण में कुल 869 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिनमें से 866 के शपथपत्रों का विश्लेषण किया गया है।

एडीआर ने गुरुवार को जारी किए एक विश्लेषण में बताया है कि छठे चरण में 866 उम्मीदवारों से 180 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं 338 उम्मीदवार करोड़पति हैं। 

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, 866 में से 180 (21 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 141 (16 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 12 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर दोषसिद्ध मामले घोषित किए हैं।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): देश में इन दिनों विरासत एक्ट (इनहेरिटेंस टैक्स) पर बहस छिड़ी हुई है। कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के अमेरिका में विरासत टैक्स वाले बयान के बाद बीजेपी कांग्रेस पर लगातार हमलावर है। तो वहीं कांग्रेस ने यह उनका निजी बयान कहकर किनारा कर लिया है। हालांकि बीजेपी कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगा रही है।

विरासत कर वाले बयान को लेकर बीजेपी का कहना है कि लोगों की निजी संपत्ति को अल्पसंख्यकों को बांट देने की प्लानिंग की जा रही है। इस बीच सवाल यह है कि क्या संविधान का अनुच्छेद 39(बी) सरकार को आपकी निजी संपत्ति का कब्जा करने का अधिकार देता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई कर अपना फैसला पहले ही सुरक्षित रख लिया।

बता दें कि 1992 में दायर किए गए संपत्ति विवाद के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 39 (बी) की फिर से व्याख्या करने की जरूरत महसूस की है। आमतौर पर राज्य के नीति निदेशक तत्व (अनुच्छेद 36 से अनुच्छेद 51 तक) अदालत के कानून द्वारा अप्रवर्तनीय होते हैं।

नई दिल्ली: दिल्ली शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार (16 मई) को सुनवाई हुई। इस मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करना होगा। आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली सीएम केजरीवाल को 1 जून तक अंतरिम जमानत मिली हुई है।

कोर्ट में दिल्ली सीएम के जेल नहीं जाने वाले बयान का हुआ जिक्र

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ्तार किया था। उन्होंने एक महीने से ज्यादा वक्त ईडी की हिरासत में बिताया। इस दौरान केजरीवाल ने अदालत में गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए याचिका भी दायर की थी। दिल्ली सीएम का कहना था कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए एक जून तक अंतरिम जमानत दी हुई है। उन्हें 2 जून को सरेंडर करना है। केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के दौरान ईडी की तरफ से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता कोर्ट में पेश हुए।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (19 मई) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में की जाने वाली गिरफ्तारियों पर बड़ी टिप्पणी की। अदालत ने कहा अगर विशेष अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत का संज्ञान ले लिया है, तो ईडी 'प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट' (पीएमएलए) के सेक्शन 19 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल कर आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकती है। गिरफ्तारी के लिए ईडी को विशेष अदालत में आवेदन देना होगा।

ईडी को गिरफ्तारी के लिए तो कोर्ट से लेनी होगी अनुमति

सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि जिस आरोपी को ईडी ने जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया, उस पर जमानत पाने के लिए पीएमएलए में दी गई कड़ी शर्त लागू नहीं होगी। कोर्ट ने कहा है कि जब अदालत चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद ऐसे आरोपी को समन जारी करे और वह पेश हो जाए, तो उसे बेल मिल जाएगी। धारा 45 में दी गई जमानत की दोहरी शर्त उस पर लागू नहीं होगी। कोर्ट में चार्जशीट पेश करने के बाद अगर ईडी ऐसे आरोपी को गिरफ्तार करना चाहती है, तो कोर्ट से अनुमति लेनी होगी।

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