मुंबई: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार के बांद्रा स्थित भूखंड पर मुंबई के एक बिल्डर के दावे को खारिज करते हुए संपत्ति के मूल मालिकों ने स्पष्ट किया है कि दिलीप कुमार '999 वर्षों तक संपत्ति के स्थायी पट्टेदार हैं।' यह करार 1953 में हुआ था और इसकी मियाद 2952 में खत्म होगी। 96 वर्षीय दिलीप कुमार और उनकी 74 वर्षीय पत्नी सायरा बानो को मंबई के बिल्डर समीर एन. भोजवानी के साथ चल रहे विवाद में उस समय बड़ा सहारा मिला, जब सेठ मूलराज खटाऊ ट्रस्ट (एसएमकेटी) ने अपने वकील अल्तमश शेख के हवाले से शनिवार-रविवार को मीडिया में सार्वजनिक नोटिस जारी किया।
सार्वजिनक नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि दिलीप कुमार 'संपत्ति के स्थायी पट्टेदार हैं न कि किरायेदार, जैसा कि कहने की कोशिश की जा रही है। उनके पास इस संपत्ति का 999 सालों तक के लिए पट्टा है।'
इसके अलावा, संपत्ति के किराये का रूप पहले ही बदल चुका है और लीज अभी भी वैध है।
सुनीत सी. खटाऊ की विधवा व ट्रस्टी पन्ना एस. खटाऊ ने कहा कि यह सार्वजनिक नोटिस दिवंगत सुनीत सी. खटाऊ के कानूनी उत्तराधिकारियों, एसएमकेटी सेटलमेंट के लाभार्थियों और दिवंगत चंद्रकांत एम. खटाऊ के ट्रस्टी में से एक की ओर से जारी किया गया है। हाई-प्रोफाइल विवाद में यह नई बात तब सामने आई है, जब दिलीप और सायरा ने बिल्डर समीर एन. भोजवानी को 200 करोड़ रुपये का मानहानि का नोटिस भेजा, जिसे सबसे चार जनवरी, 2019 को मीडिया द्वारा प्रकाश में लाया गया था।
सार्वजनिक नोटिस में यह भी आरोप लगाया गया था कि भोजवानी और अन्य ने एसएमकेटी की कई संपत्तियों के अवैध दस्तावेज तैयार कराए, जिसके लिए पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई गई है। भोजवानी को पुलिस में दर्ज शिकायतों के आधार पर गिरफ्तार किया गया और वह वर्तमान में सशर्त जमानत पर हैं, और जमानत रद्द करने का मामला सात जनवरी को बम्बई उच्च न्यायालय के सामने आने की संभावना है।