नई दिल्ली: साल 2019 की शुरुआत एक बहुत बुरी खबर से हुई है। बीते 16-17 दिनों से अस्पताल में भर्ती कादर खान का 31 दिसम्बर को निधन हो गया। 81 वर्षीय खान लंबे समय से बीमार चल रहे थे। खान कनाडा के एक अस्पताल में भर्ती थे। उनके बेटे ने बताया कि अभिनेता का अंतिम संस्कार भी वहीं किया जाएगा। कादर खान के बेटे सरफराज ने कहा, ‘‘मेरे पिता हमें छोड़कर चले गए। लंबी बीमारी के बाद 31 दिसम्बर शाम छह बजे (कनाडाई समय) उनका निधन हो गया। वह दोपहर को कोमा में चले गए थे। वह पिछले 16-17 हफ्तों से अस्पताल में भर्ती थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उनका अंतिम संस्कार कनाडा में ही किया जाएगा। हमारा सारा परिवार यहीं हैं और हम यहीं रहते हैं इसलिए हम ऐसा कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम दुआओं और प्रार्थना के लिए सभी का शुक्रिया अदा करते हैं।’’ बता दें कि कादर खान को लंबे समय से सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और डॉक्टर उन्हें नियमित वेंटीलेटर और बीपीएपी वेंटीलेटर पर रख रहे थे। उनके दिमाग ने भी काम करना बंद कर दिया था । उन्हें रेगुलर वेंटीलेटर से हटाकर बाईपैप वेंटीलेटर पर रखा गया था।
कादर खान प्रोगेसिव सुप्रान्यूक्लीयर पाल्सी डिसऑर्डर नाम की बीमारी से जूझ रहे थे। इस बीमारी की वजह से कादर खान का दिमाग बुरी तरह से प्रभावित हुआ था। वहीं उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी। कादर खान के बेटे सरफराज के मुताबिक, डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी सेहत पर नजर बनाए हुए थी लेकिन आखिरकार वो जिंदगी की जंग हार गए।
बता दें कि कादर खान के अस्पताल में भर्ती होने के बाद उनके निधन की अफवाह भी उड़ी थी । इस खबर को कादर खान के बेटे सरफराज ने झूठा बताया था । वहीं सोशल मीडिया पर भी कादर खान के निधन की अफवाह उड़ने पर यूजर्स ने गुस्सा दिखाया था।
बीते साल कादर खान ने अपने घुटनों की सर्जरी करवाई थी जिसके बाद से लगातार उनकी सेहत में गिरावट हुई। अब कोई डायरेक्टर उनको अपनी फिल्म में लेने को तैयार नहीं था। कादर खान स्क्रिप्ट राइटर के तौर पर भी काम कर चुके हैं। उन्होंने पहली बार फिल्म 'रोटी' के डायलॉग्स लिखे थे। कुछ साल पहले उन्होंने कहा था कि फिल्मों में ना सही लेकिन एक स्क्रिप्ट राइटर के तौर पर तो उन्हें काम मिलना चाहिए।
काबुल में जन्मे कादर खान ने 1973 में राजेश खन्ना के साथ फिल्म ‘दाग’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। उसके बाद वह 300 से अधिक फिल्मों में नजर आए। अभिनेता बनने से पहले उन्होंने रणधीर कपूर, जया बच्चन की फिल्म ‘जवानी दीवानी’ के लिए संवाद लिखे थे। उन्होंने 250 से अधिक फिल्मों के लिए संवाद भी लिखे हैं। पटकथा लेखक के तौर उन्होंने मनमोहन देसाई और प्रकाश मेहरा के साथ कई फिल्मों में काम किया। एक समय पर कादर खान बॉलीवुड के कॉमेडी किंग कहे जाते थे।
अंतिम समय में उनकी सुध लेने वाला भी कोई नहीं था। हाल ही में खबर आई थी कि उनकी तबीयत काफी खराब हो गई है, जिसके चलते उन्हें कनाडा ले जाया गया था। कादर खान के साथ काम कर चुके शक्ति कपूर ने बताया है कि उनके घुटनों में परेशानी चल रही थी। कादर खान का ऑपरेशन भी हुआ था लेकिन बदकिस्मती से ऑपरेशन गलत हो गया। इससे उनकी तकलीफ घटने की जगह बढ़ गई। आखिरी बार कादर खान को 2015 में अपनी फिल्म 'हो गया दिमाग का दही' के ट्रेलर लॉन्च में नजर आए थे।