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अजमेर: नसीरद्दीन शाह के देश में कथित तौर पर बढ़ रही अहिष्णुता पर दिए बयान का विरोध लगतार उग्र होता जा रहा है। कई संगठनों ने शुक्रवार को अजमेर साहित्य सम्मेलन में नसीरुद्दीन का विरोध किया, जिसकी वजह से आयोजकों को उनका कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए नसीरुद्दीन तय समय पर कार्यक्रम स्थल पहुंचे थे। लेकिन विरोध के चलते वह कार से भी उतर नहीं सके। काफी देर तक कार में ही बैठे रहने के बाद वह वापस होटल लौट गए।

इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने आयोजन स्थल पर लगे नसीरुद्दीन के पोस्टरों को फाड़ दिया और स्याही पोत दी। बाद में अजमेर लिटरेचर सोसाइटी के सदस्य ने कहा कि लोगों और अभिनेता की सुरक्षा के मद्देनजर हमनें कार्यक्रम रद्द करने का फैसला किया है।

 

यूपी नवनिर्माण सेना ने भेजा कराची का टिकट

नसीरुद्दीन के कथित बयान से नाराज उत्तरप्रदेश नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष अमित जानी उन्हें पाकिस्तान जाने की सलाह दी है। जानी ने बाकायदा नसीरुद्दीन के लिए कराची का टिकट बुक कराकर भेजा है। जानी ने कहा, अगर नसीरुद्दीन को भारत में भय लगता है तो उन्हें पाकिस्तान जाने में देरी नहीं करनी चाहिए। इसलिए मैंने पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस यानी 14 अगस्त 2019 को उनके कराची जाने के लिए टिकट बुक कराया है। उन्होंने इस टिकट को ट्वीट भी किया है।

इस बयान से बढ़ा विवाद

गुरुवार को एक वीडियो सामने आया जिसमें नसीरुद्दीन ने कहा, कई इलाकों में हम देख रहे हैं कि एक पुलिस इंस्पेक्टर की मौत से ज्यादा एक गाय की मौत को अहमियत दी जा रही है। ऐसे माहौल में मुझे अपनी बच्चों के बारे में सोचकर फिक्र होती है। उन्होंने यह टिप्पणी उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर में हुई घटना के संदर्भ की। नसीरुद्दीन ने इससे पहले क्रिकेटर विराट कोहली को घमंडी कहकर भी विवाद खड़ा कर दिया था।

नसीरुद्दीन का सवाल

मैंने क्या गलत कहा अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने शुक्रवार को कहा, उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा जिसके लिए उन्हें गद्दार ठहराया जाए। उन्होंने कहा, मैंने तो बस अपने मुल्क के बारे में बात करते हुए अपनी चिंता जाहिर की है। यह बात तो एक चिंतित भारतवासी की हैसियत से मैं पहले भी कह चुका हूं। नसीरुद्दीन ने कहा, फिर आप यह भी कह सकते हैं कि विराट कोहली की आलोचना करने के लिए मुझे ऑस्ट्रेलियाई टीम ने कहा था। तो अगर उनको आलोचना करने का हक है, तो मुझे भी है ना। मैं अपने मुल्क, जो मेरा अपना घर है जिसे मैं प्यार करता हूं मैं उसके बारे में बात कह रहा हूं फिक्र जाहिर कर रहा हूं।

कोट

बुलंदशहर की घटना में जिन लोगों की मृत्यु हुई उसका हम सब को बहुत खेद है, पर इससे पहले भी ना जाने कितने दंगे हुए और मासूमों की जान गई, तब तो आपको कोई डर नहीं लगा। इससे ही समझ आता है कि आप किसकी तरफ हैं, कृपया आतंकी पर दया करने के बाद खुद को देशभक्त ना कहें जय हिन्द, जय भारत। योगेश्वर दत्त, पहलवान यह सिर्फ बुंलदशहर की घटना के बारे में नहीं है। अन्य घटनाएं भी हैं जहां अपराधियों को सजा नहीं दी गई, उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई। मेरे लिए विश्वास करना असंभव लगता है कि पुलिस हिंसा के आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पा रही है। हमें ध्रुवीकरण की राजनीति से छुटकारा पाना है।

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