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पणजी: भारतीय सिनेमा में महिलाओं के योगदान को याद करते हुए रविवार को अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के 47वें संस्करण की शुरुआत हुई। महोत्सव की शुरुआत उत्तर प्रदेश में हुए ट्रेन हादसे के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देते हुए एक मिनट का मौन रखने के साथ हुई। सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा, ‘100 से अधिक लोगों की जान चली गई है। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि खड़े हो जाइए और ट्रेन हादसे में मारे गए लोगों के लिए एक मिनट का मौन रखिए।’ इसके बाद महोत्सव की शुरुआत हुई और जानेमाने नृत्य निर्देशक गणेश आचार्य ने प्रस्तुति दी। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत और दिग्गज फिल्मकार रमेश सिप्पी ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर और राज्यपाल मृदुला सिन्हा के साथ द्वीप प्रज्वलित किया। पारसेकर ने कहा, ‘हम 2004 के बाद से बहुत आगे आ गए हैं। 2004 का साल गोवा के लोगों के लिए मील का पत्थर था क्योंकि उसी वर्ष इस समारोह की शुरूआत का ऐलान किया गया। 2014 में सरकार ने गोवा को इफ्फी के स्थायी आयोजन स्थल होने का ऐलान किया।’ फिल्म उद्योग से दिव्या दत्ता, नागेश कुकूनूर, नाना पाटेकर, सुधीर मिश्रा, मुकेश तथा कुछ अन्य लोग उपस्थित रहे। जानेमाने कोरियाई फिल्मकार इम वोन ताएक को इस महोत्सव में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया।

मशहूर गायक एस पी बालासुब्रण्यम को साल 2016 की भारतीय फिल्म शख्यित का शताब्दी पुरस्कार दिया गया। पोलिश निर्देशक आंद्रजेज वाजदा की फिल्म ‘आफ्टरइमेज’ से इस महोत्सव की शुरुआत हुई तथा कोरियाई फिल्म ‘द एज ऑ शैडो’ से इसका समापन होगा। यह फिल्म इस साल के ऑस्कर के लिए कोरिया की ओर से भेजी गई आधिकारिक फिल्म भी है।

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