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रियो डि जिनेरियो: आखिरी क्‍वार्टर की गफलत भारतीय टीम को फिर भारी पड़ी और रियो ओलिंपिक की पुरुष हॉकी प्रतियोगिता में टीम को कमजोर मानी जा रही कनाडा के खिलाफ अपना मैच 2-2 से बराबर रखने पर मजबूर होना पड़ा.भारत ने अपने पांच मैचों में दो जीत, दो हार और एक ड्रा के साथ 7 अंक अर्जित किए. भारतीय टीम क्‍वार्टर फाइनल में जगह बनाने में सफल हो गई. भारत के लिए आकाशदीप और रमनदीप ने गोल दागे जबकि कनाडा के लिए दोनों गोल पेनल्‍टी कार्नर पर स्‍कॉट टपर ने किए. पहले क्‍वार्टर में ही भारत ने खेल पर पकड़ बना ली. दाएं छोर से भारत ने कुछ अच्‍छे हमले किए लेकिन कनाडा की रक्षापंक्ति ने इन्‍हें विफल कर दिया. इस क्‍वार्टर में खेल पर ज्‍यादातर समय भारतीय खिलाड़ियों का नियंत्रण रहा और वे विपक्षी डी या इसके आसपास मंडराते रहे. 11वें मिनट में दाएं छोर से भारतीय खिलाड़ी ने कनाडाई में क्रास फेंका लेकिन सुरेंद्र इसे ट्रैप नहीं कर सके. इस दौरान भारत को पहला पेनल्‍टी कार्नर मिला लेकिन रघुनाथ के फ्लिक पर कनाडा के डिफेंडर मैथ्‍यू सारमेंटो ने शानदार बचाव किया .इसके तुरंत बाद कनाडा ने एक बेहद जोरदार हमला किया. यह पहले क्‍वार्टर का कनाडाई टीम का सबसे धारदार हमला था लेकिन ओपन गोल में भी उसके खिलाड़ी का निशाना चूक गया. पहले क्‍वार्टर में दोनों टीमें गोलरहित बराबरी पर थीं.

दूसरे क्‍वार्टर में शुरुआत में ही भारत के आक्रमण पर टीम को गोल करने का शानदार मौका मिला था लेकिन मनप्रीत सिंह के हिट पर कनाडाई गोलकीपर डेविड कार्टर ने बेहतरीन बचाव कर खतरा टाल दिया. भारतीय टीम ने हमले तो कई बोले लेकिन गेंद सफाई से ट्रैप नहीं हो पाने अथवा विपक्षी टीम के शानदार बचाव के कारण इनका फायदा नहीं लिया जा सका. 9वें मिनट में कनाडा के गोल क्षेत्र में हमला बोलते हुए थिमैया ने शानदार हिट लिया लेकिन यह बारीक अंतर से कनाडाई गोल क्षेत्र को चूक गया. 12 वें मिनट में सरदार के प्रयासों से भारतीय टीम दूसरा पेनल्‍टी कार्नर हासिल करने में कामयाब रही लेकिन रुपिंदर के हिट पर स्‍कॉट टपर ने बचाव कर खतरा टाल दिया. दूसरा क्‍वार्टर खत्‍म होने के करीब तीन मिनट पहले मध्‍य रेखा से कनाडाई डिफेंडर ने भारतीय डी में शानदार क्रास फेंका लेकिन डी में मौजूद खिलाड़ी का डिफ्लेक्‍शन भारतीय गोल क्षेत्र के बाहर से निकल गया.दूसरे क्‍वार्टर में भी कोई टीम गोल नहीं कर सकी थी. भारत के फारवर्ड सुनील कुमार इस दौरान कलाई पर चोट खा बैठे और उन्‍हें मैदान से बाहर जाना पड़ा. तीसरे क्‍वार्टर के दूसरे ही मिनट में भारतीय टीम ने तीसरा पेनल्‍टी कार्नर हासिल किया. रघुनाथ के शॉट पर रिबाउंड होकर लौटी गेंद को आकाशदीप ने जोरदार शॉट से गोल में पहुंचा दिया. इस गोल से भारत मैच में 1-0 की बढ़त बना ली. भारत की गोल की यह खुशी ज्‍यादा देर तक नहीं रही और तीसरे मिनट में मिले पेनल्‍टी कार्नर पर कनाडा के स्‍कॉट टपर ने गोल करके मामला बराबर कर दिया. अब मैच एक-एक गोल की बराबरी पर आ गया था. भारत ने एक बार फिर उस समय बढ़त हासिल कर ली जब तीसरे क्‍वार्टर के 10वें मिनट में मध्‍य रेखा से रघुनाथ की ओर से फेंके गए क्रास पर रमनदीप सिंह ने गोल दाग दिया। भारत फिर 2-1 की बढ़त पर आ गया. छठे मिनट मे देवेंद्र वाल्‍मीकि ने आकाशदीप को क्रास पर फेंका लेकिन वे इसे ठीक से ट्रैप नहीं कर सके और यह मौका बेकार गया. तीसरे क्‍वार्टर के बाद भारत 2-1 की बढ़त बनाए हुए था. चौथे क्‍वार्टर में भारतीय खिलाडि़यों के खेल में कुछ सुस्‍ती सी दिखाई दी. इसका फायदा लेते हुए कनाडा ने कुछ हमले बोले, लेकिन इनका फायदा नहीं उठाया जा सका. चौथे क्‍वार्टर के छठे मिनट में कनाडा को दूसरा पेनल्‍टी कार्नर मिला, लेकिन श्रीजेश ने शानदार बचाव कर खतरा टाल दिया. इसी दौरान भारत के निकिन थिमैया का यलो कार्ड मिला और न केवल उन्‍हें मैदान से बाहर जाना पड़ा बल्कि कनाडा को पेनल्‍टी कार्नर मिल गया जिस पर टपर ने गोल कर स्‍कोर बराबरी पर ला दिया. आखिरकार मैच 2-2 की बराबरी पर खत्‍म हुआ.

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