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ग्रोस आइलेट: पेसर भुवनेश्वर कुमार ने अपने करियर में तीसरी बार पांच विकेट लेने का कारनामा किया जिससे भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच के चौथे दिन पहली पारी में 128 रन की मजबूत बढ़त हासिल की। भुवनेश्वर ने 33 रन देकर पांच विकेट लिये जिससे भारत ने वेस्टइंडीज को पहली पारी में 225 रन पर ढेर कर दिया। अपनी पहली पारी में 353 रन बनाने वाले भारत ने चौथे दिन चाय के विश्राम तक अपनी दूसरी पारी में बिना किसी नुकसान के 31 रन बनाए हैं और इस तरह से उसकी कुल बढ़त 159 रन की हो गई है। चाय के विश्राम के समय लोकेश राहुल 15 और शिखर धवन 13 रन पर खेल रहे थे। वेस्टइंडीज का स्कोर एक समय तीन विकेट पर 202 रन था और वह अच्छी स्थिति में दिख रहा था लेकिन इसके बाद भुवनेश्वर ने अपने एक स्पैल में मैच का नक्शा पलट दिया। वेस्टइंडीज ने अपने आखिरी सात विकेट 23 रन के अंदर गंवाये। इनमें से पांच विकेट इस स्विंग गेंदबाज ने लिए। उनके अलावा भारत की तरफ से रविचंद्रन अश्विन ने दो तथा इशांत शर्मा और रविंद्र जडेजा ने एक-एक विकेट लिया। भुवनेश्वर ने जर्मेन ब्लैकवुड (20) के रूप में अपना पहला विकेट लेकर कैरेबियाई पारी के पतन की कहानी शुरू की। ब्लैकवुड ने उठती हुई गेंद पर स्लिप में भारतीय कप्तान विराट कोहली को कैच थमाया। अपने अगले ओवर में भुवनेश्वर ने आउट स्विंगर पर मर्लोन सैमुअल्स (48) का गिल्लियां बिखेरी। भारत ने इससे पहले सुबह के सत्र में पहले घंटे में ही डेरेन ब्रावो (29) और क्रेग ब्रेथवेट (64) के विकेट हासिल कर दिए थे।

इसके बाद सैमुअल्स और ब्लैकवुड ने चौथे विकेट के लिए 67 रन की साझेदारी की थी। जडेजा ने पिछले मैच के नायक रोस्टन चेज (2) को आउट किया जिन्होंने बाहर की तरफ टर्न होती गेंद पर अजिंक्य रहाणे को कैच दिया जबकि भुवनेश्वर ने वेस्टइंडीज के कप्तान जैसन होल्डर (2) को पगबाधा आउट करके पवेलियन भेजा। उन्होंने इसके बाद अलजारी जोसेफ (0) और शेन डोरिच (18) का विकेट लेकर तीसरी बार पारी में पांच या इससे अधिक विकेट लेने का कारनामा किया। कोहली ने सुबह गेंदबाजी की शुरुआत बाएं हाथ के स्पिनर जडेजा से करायी लेकिन उन्होंने एक ओवर बाद ही उस छोर से इशांत को गेंद थमा दी जिन्होंने दिन के अपने चौथे ओवर में भारत को पहली सफलता दिलायी। भाग्य ने हालांकि गेंदबाज का साथ दिया क्योंकि तब लग रहा था कि उनका अगला पांव लाइन से आगे निकला है और वह नोबाल है लेकिन तीसरे अंपायर ग्रेगरी ब्रेथवेट ने इसे वैध गेंद करार दिया। ब्रावो इशांत के बाउंसर को नहीं समझ पाए और गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर फाइन लेग पर खड़े जडेजा के पास चली गई। ब्रावो ने अपनी पारी में 101 गेंदें खेली तथा तीन चौके लगाए। अश्विन ने दूसरे छोर से जिम्मा संभाला और अपनी पहली ही गेंद पर ब्रेथवेट की एकाग्रता भंग करके भारत को महत्वपूर्ण सफलता दिलायी। ब्रेथवेट ने अतिरिक्त उछाल लेती गेंद को लेग साइड की तरफ खेलना चाहा लेकिन वह उनके दस्ताने को चूमकर रिद्विमान साहा के दस्तानों में समा गयी। ब्रेथवेट ने 163 गेंद की पारी में छह चौके लगाए।

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