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रियो दि जिनेरियो: फर्राटा किंग उसेन बोल्ट ओलंपिक में लगातार तीसरी बार स्वर्ण पदक जीतने का रिकार्ड अपने नाम करना चाहते हैं ताकि पूरे साल डोप कलंकित रहे उनके खेल को कुछ सुनहरे पल मिल सकें। पिछले साल सेबेस्टियन कू के अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ का अध्यक्ष बनने के बाद से ट्रैक और फील्ड में डोपिंग को लेकर ‘जीरो टालरेंस’ की रणनीति अपनाई गई है। रूस में प्रशासन प्रायोजित डोपिंग का हाल ही में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। नवंबर में आईएएएफ ने रूस की ट्रैक और फील्ड टीम पर रियो ओलंपिक के लिये प्रतिबंध लगा दिया। खेल पंचाट ने भी उस प्रतिबंध को बरकरार रखा। इसके मायने हैं कि तिहरी स्वर्ण पदक विजेता पोल वाल्टर येलेना इसिंबायेवा, विश्व 110 मीटर बाधादौड़ चैम्पियन सर्जेइ शुबेंकोव और उंची कूद विश्व चैम्पियन मारिया कूचिना इन खेलों में नहीं दिखेंगे। इन हालात में सभी की नजरें बोल्ट पर लगी होंगी। उन्होंने कहा, ‘यहां इतिहास रचा जाने वाला है। मैं ऐसा प्रदर्शन करना चाहता हूं कि दुनिया देखे। यह मेरा आखिरी ओलंपिक है और बहुत अहम है। मैं पूरी तरह फिट नहीं हूं। थोड़ी मेहनत और करनी होगी लेकिन बेहतर महसूस कर रहा हूं। यहां आकर मैं दौड़ा और चोट नहीं लगी।

मैं अपने खिताब बरकरार रखने के लिये तत्पर हूं।’

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